कांग्रेस आला कमान की ओर से प्रदेश के सभी 29 हारे हुए प्रत्याशियों को भोपाल में आयोजित बैठक में बुलाया। इस दौरान पूछे गए सवालों पर हारे कांग्रेस प्रत्याशियों का तर्क है कि उनकी हार पार्टी के कई नेताओं के भाजपा में जाने से हुई है, क्योंकि इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा था।
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हार के मुख्य कारण ये सामने आए
बता दें कि, कांग्रेस हाईकमान की ओर से मध्य प्रदेश में हार के कारणों की हकीकत जुटाने भेजी गई समिति में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चाव्हाण, सप्तगिरी उल्का और जिग्नेश मेवाणी शामिल हैं। इन्होंने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर बैठक करके प्रत्याशियों से संवाद किया। इसदौरान कुछ प्रत्याशियों ने तो ये भी कहा कि प्रदेश के बड़े नेताओं के स्वयं चुनाव लड़ने से भी व्यवस्थाएं लड़खड़ाईं। लाड़ली बहना योजना का प्रभाव भी खासा प्रदेश में रहा। कार्यकर्ताओं को पुलिस प्रशासन ने धमकाया, डराया।दलबदल बड़ा कारण
मुरैना लोकसभा सीट से प्रत्याशी सत्यपाल सिंह सिकरवार ने कहा कि विधायक रामनिवास रावत, पूर्व विधायक अजब सिंह कुशवाह, राकेश मावई, महापौर शारदा सोलंकी का पार्टी छोड़कर जाना नुकसानदेह रहा। संगठन की जमावट इनके अनुरूप थी। पूरी टीम इनके साथ चली गई। इसी तरह उज्जैन से प्रत्याशी महेश परमार ने भी दलबदल को चुनाव में हार का बड़ा कारण बताया। यह भी पढ़ें- भोपाल में अचानक गायब होने लगी लड़कियां, 24 घंटे में अलग-अलग इलाकों से 7 नाबालिग लापता, पुलिस महकमें में हड़कंप