युवकों ने दावा किया कि समिति की महिला सदस्यों ने डेढ़ माह के अंदर शादी कराने का वादा कर उनसे 25-25 हजार रुपए लिए थे। इसके बाद सभी को एक ही लडक़ी को दिखाकर उन्हें टरकाती रही। सालभर से वह भोपाल के चक्कर काट रहे हैं। इस बीच 35 बार से अधिक बार वह भोपाल आ चुके हैं। बावजूद हाथ पीले नहीं हो सके।
जानकारी के मुताबिक, दुबे कॉलोनी पदमकुंड वार्ड खंडवा निवासी सचिन गाठी शुक्रवार को 10 युवकों के साथ अशोका गार्डन थाने पहुंचा। उसने पुलिस को शिकायती आवेदन दिया कि 26 सितंबर 2018 को वह समायरा जनकल्याण समिति के ऑफिस आए थे। ऑफिस में उन्हें तीन महिलाएं मिलीं जिन्होंने खुद का नाम प्रीति ठाकुर, ज्योति, सुनीता बताया।
उन्होंने बताया कि उनकी समिति शादी कराने का काम करती है। शादी के लिए लडक़ी तलाशने लडक़े पक्ष से 25 हजार रुपए की फीस जमा कराई जाती है। फीस जमा होने के बाद डेढ़-दो माह के अंदर शादी करा दी जाती है। सचिन का कहना है कि प्रीति के झांसे में आकर उसने 25 हजार रुपए जमा कर दिए। इसके बाद प्रीति ने उसे एक लडक़ी दिखाई। दावा किया कि डेढ़ माह के अंदर तुम-दोनों की शादी हो जाएगी। भरोसा जीतने के लिए लडक़ी का मोबाइल नंबर समेत उसकी पूरी कुंडली दी।
इस बीच लडक़ी से फोन पर बात होती रही। जब वह शादी के लिए कहता तो लडक़ी टाल देती। इसी बीच उसके मोहल्ले के रहने वाले नौ युवकों ने अपनी शादी भोपाल में तय होने के बारे में बताया। जब सभी ने लडक़ी का मोबाइल नंबर चेक किए तो एक ही निकला। लडक़ी के हुलिया के बारे में आपस में चर्चा की तो सभी ने एक ही जैसा बताया। इस पर जालसाजी का संदेह होने पर सभी ने शुक्रवार को भोपाल पहुंच थाने में शिकायत दर्ज कराई। इधर, पीडि़तों द्वारा समिति के दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन नंबर बंद था।
इन युवकों ने की शिकायत
सतीश, संदीप, अमित, छगन, सचिन गोयल, संजय गोयल, आशिष, जीतेन्द्र गोयल, मोहन, सचिन गाठी समेत 10 युवकों ने पुलिस से शिकायत की है। युवकों का कहना कि पुलिस जालसाजी करने वाली समिति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, जिससे अन्य लोग ठगी से बच सकें।
छोटे कपड़े पहने अंग्रेजी बोलने वाली मॉर्डन लडक़ी से मिलाया
सचिन का कहना है कि समिति सुनियोजित तरीके से ठगी का कारोबार कर रही है। वह युवकों को अलग-अलग दिन बुलाती थी। इसके बाद ऑफिस के कमरे में बैठी एक मॉडर्न युवती को शादी के लिए दिखाया जाता था। युवती छोटे कपड़े पहने रहती थी। वह अंग्रेजी में हम लोगों से बात करती थी।
सभी को दिया एक ही लडक़ी मोबाइल नंबर और बायोडाटा
संजय गोयल ने बताया कि समिति की तरफ से उन्हें एक टोकन दिया गया था। जिसमें लडक़ी का बायोडाटा था। सभी को मिले टोकन में एक ही लडक़ी का मोबाइल नंबर है। लडक़ी फोन पर हर रोज अलग-अलग वक्त में प्रेमभरी बातें करती थी। इससे ठगी का अहसास
नहीं हुआ।