मध्य प्रदेश सरकार स्कूल चलो अभियान की तर्ज पर ही अब कॉलेज चलो अभियान सरकार चला रही है। जिसके तहत कॉलेजों के प्रोफेसर स्कूलों में जाएंगे और जाकर के छात्रों को कॉलेज जाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे साथ ही कॉलेजों में होने वाली एक्टिविटी के बारे में भी बताएंगे।
मध्य प्रदेश अब बदलने वाला है इस शहर का नाम, नया नाम होगा भेरूंदा
दरअसल सरकारी अनुदान प्राप्त कॉलेजों में सामान्य वर्ग के होनहार छात्रों को फीस में छूट देने के बाद भी कई छात्र कॉलेजों में एडमिशन नहीं ले पाते हैं। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद कई छात्र कॉलेज नहीं जा पाते हैं। इन छात्रों को कॉलेज तक लाने के लिए ही उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज चलो अभियान की चला रहा है।
कॉलेज चले अभियान की जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी और प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्य और प्रोफेसर की होगी। ये सभी मिलकर के साथ की स्कूलों में जाएंगे और छात्रों को कॉलेज में होने वाली जो गतिविधियां हैं। उन से अवगत कराने के साथ-साथ कॉलेजों में एडमिशन के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
PM मोदी के उज्जैन आने की तैयारी, एनएसजी-आईबी की टीम पहुंची मंदिर
देश के सकल नामांकन अनुपात (JER) की तुलना में मध्यप्रदेश का जीईआर काफी कम है। देशभर की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को ग्रांट और फंड के लिए वल्र्ड बैंक और रूसा का ही सहारा है। इसके लिए कॉलेजों की जरूरतों के साथ उनके जीईआर को भी आधार बनाया जाता है।