सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मकर संक्रांति पर्व से प्रदेश में महिलाओं की बेहतरी के लिए कार्यक्रम प्रारंभ होंगे। मुख्यमंत्री के अनुसार स्व रोजगार और स्वावलंबन महिला सशक्तिकरण के आधार बनेंगे। डॉ. यादव ने शुक्रवार को मंत्रालय में समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, एसएन मिश्रा, अनुपम राजन आदि की उपस्थिति में महिला सशक्तिकरण पर केन्द्रित कार्यक्रम आयोजित करने को कहा।
यह भी पढ़ें: कई टुकड़ों में बंटेगा एमपी का यह जिला! बनेंगी 4 नई तहसीलें, सीएम मोहन यादव ने दिया सुझाव मकर संक्रांति के मौके पर शाजापुर के कालापीपल में भी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत जनवरी माह की राशि का अंतरण सिंगल क्लिक से महिलाओं के खातों में किया जाएगा। मकर संक्रांति पर्व पर जिला स्तर पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में महिलाओं को तिल, गुड़, कंगन और सुहाग सामग्री भी बांटी जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि नारी सशक्तिकरण की दिशा में मकर संक्रांति पर्व पर एक वृहद कार्यक्रम प्रस्तावित है। स्व रोजगार व स्वावलंबन के माध्यम से आर्थिक स्थिति में सुधार करते हुए महिलाओं को सशक्त करना हमारा उद्देश्य है।
यह भी पढ़ें: एमपी में कर्मचारियों के साथ बड़ी धोखाधड़ी, नियमानुसार वेतन पुनरीक्षण नहीं कर रही सरकार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लाड़ली बहनों को दिए जा रहे अनुदान की राशि में वृद्धि की वजह भी बताई। उन्होंने बताया कि नारी सशक्तिकरण के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ही योजना और अनुदान राशि में वृद्धि की गई। उन्होंने कहा कि बहनों की आर्थिक स्थिति में सुधार के उद्देश्य से उद्योग, स्वावलंबन और स्व-सहायता समूह की गतिविधियां जैसे आयाम भी जोड़े जा रहे हैं।
रेडीमेड गारमेंट्स सहित अन्य उद्योगों में महिला श्रम आधारित ऐसे काम शुरु किए जा रहे हैं, जिससे महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे और उन्हें बेहतर जीवन का अवसर प्राप्त हो सकेगा। इन उद्योगों में राज्य सरकार की ओर से प्रति श्रमिक 5 हजार रूपए इंसेंटिव की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में इस प्रकार के चार उद्योग आरंभ किए जा चुके हैं।