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पेरिस की धरती पर भारत को दिलाया गोल्ड, शिवराज बोले- शाबाश राजू

मध्यप्रदेश से लेकर भिंड जिले के हरपालपुर गांव तक जश्न का माहौल…।

भोपालApr 11, 2023 / 10:22 am

Manish Gite

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भोपाल। मध्यप्रदेश के राजू सिंह भदौरिया की हर तरफ तारीफ हो रही है। भिंड जिले के छोटे से गांव के इस लड़के ने अपने गांव, जिले, प्रदेश और देश का नाम रौशन कर दिया। 17 साल के इस लड़के ने पैरिस की धरती पर घुड़सवारी करते हुए भारत को गोल्ड मेडल दिला दिया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के इस खिलाड़ी के लिए कहा है शाबाश राजू। इधर, भोपाल से लेकर भिंड जिले में मंगलवार सुबह से ही जश्न का माहौल है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर भिंड जिले के राजू सिंह भदौरिया को बधाई है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट संदेश में लिखा है कि शाबाश राजू, भिंड जिले के किसान पुत्र राजू सिंह भदौरिया जी आपने पेरिस में घुड़सवारी में गोल्ड मेडल जीत कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। आपकी यह सफलता युवाओं में ऊर्जा का संचार कर, उन्हें खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी। आप आगे भी नए कीर्तिमान गढ़ें, इसके लिए शुभकामनाएं। बताया जा रहा है कि रविवार रात से ही हरपालपुर गांव में राजू के माता-पिता और परिजनों को बधाइयों का सिलसिला तेज हो गया है। मंगलवार को भी उनके गांव में बधाई देने वालों का सिलसिला चल रहा है।

https://twitter.com/ChouhanShivraj/status/1645367488765636609?ref_src=twsrc%5Etfw

सबसे कम उम्र के हैं राजू

किसान के बेटे राजू सिंह भदौरिया ने ग्रोसबोइस में ‘इवेंटिंग’ क्रॉस-कंट्री वन-स्टार वर्ग में यह गोल्ड जीता है। कक्षा-12 के छात्र ने फ्रांस के घुड़सवार फ्रेडरिक ग्रेमोंट और एलेक्सिया रसेल सॉक को पछाड़ दिया। भिंड जिले के हरपालपुर के रहने वाले सरल स्वभाव के राजू सिंह भदौरिया ने इस जीत पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा है कि वे देश के लिए पदक जीतना चाहते हैं। चाहे किसी भी प्रतिस्पर्धा में रहें। राजू अब 19वें एशियाई खेलों की तैयारी में जुट गए हैं। राजू एशियाड में जगह बनाने वाले भारत के चार राइडर्स में सबसे कम उम्र के हैं। राजू के कोच कैप्टन भागीरथ कहते हैं कि राजू की मेहनत ही है कि उसे लगातार आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। वो अब एशियाड में भी भारत का नाम रौशन करने वाला है। 11 वी का छात्र राजू पहली बार 2015 में अपने गांव से पहली बार बाहर निकला। वो भोपाल स्थित एमपी इक्वेस्ट्रियन अकादमी आया तो वो अपने खेल को पूरी तरह से फोकस करता रहा।

 

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मामा ने सिखाई खेल की बारीकियां

राजू भदौरिया के पिता सुजान सिंह और माता कुसमा देवी आज भी पचेरा गांव में रहते हैं। 2016 में जब वह 11 साल का था तब मामा लोकेंद्र सिंह उसे अपने साथ भोपाल अकाडमी ले गए। राजू को घुड़सवारी और घोड़ों की देखभाल से लेकर हर बारीकी चीज समझाई।

अब एशियन गेम्स खेलेंगे राजू

खेल के प्रति ईमानदारी और लगन का नतीजा है कि राजू ने नेशनल और इंटरनेशनल इवेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस वर्ष चीन के हांग्जो में आयोजित होने वाले एशियन गेम्स के लिए क्वालीफाई करने वाले 6वें भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं, जो भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

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