भोपाल

शिवराज का जुदा अंदाज : कुम्हार के साथ बैठकर बनाए मिट्टी के बर्तन, चरखा चलाकर सूत भी काता

-CM शिवराज का जुदा अंदाज-कुम्हार के साथ बैठकर बनाए मिट्टी के बर्तन-चरखा चलाकर सूत भी काता-राष्ट्रीय खादी उत्सव का शुभारंभ करने पहुंचे थे CM

भोपालOct 03, 2022 / 10:41 am

Faiz

शिवराज का जुदा अंदाज : कुम्हार के साथ बैठकर बनाए मिट्टी के बर्तन, चरखा चलाकर सूत भी काता

भोपाल. महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक बार फिर जुदा अंदाज देखने को मिला। मुक्यमंत्री कुम्हार के साथ मिट्टी के बर्तन बनाते और चरखा चलाकर सूत कातते नजर आए। बता दें कि, सूबे की राजधानी भोपाल के अरेरा हिल्स इलाके में स्थित भोपाल हाट में दस दिवसीय खादी उत्सव और प्रदर्शनी सजाई गई है। गांधी जयंती के मौके पर रविवार शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल हाट पहुंचकर कताई-बुनाई प्रदर्शनी का शुभारंभ करने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने यहां हाट परिसर में सजाए गए विभिन्न स्टाल का अवलोकन किया और कारीगरों, वस्त्र शिल्पियों से बात कर उनके कार्यों के बारे में जानकारी लीत। सीएम ने यहां खादी के वस्त्र खरीदे।

राष्ट्रीय खादी उत्सव एवं राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए सीएम ने चरखा चलाकर महात्मा गांधी को याद किया। यहां से सीएम एक कम्हार के पास पहुंचे। सीएम ने कुम्हार को मिट्टी के बर्तन बनाते देखा तो खुद भी मिट्टी के बर्तन बनाने इच्छा जाहिर करते हुए कुम्हार से बर्तन बनाने की अनुमति ले ली। कुम्हार भी सीएम के मूंह से बर्तन बनाने की इच्छा रखने की बात सुनकर हैरान रह गया। पर तुरंत ही उसने सीएम को अनुमति दे दी। इसके बाद सीएम एक पटले पर बैठे और बर्तन बनाने के हुनर पर हाथ आजमाया। यही नहीं सीएम ने कुम्हार से मिट्टी के बर्तन भी ख़रीदे।

 

यह भी पढ़ें- पहली बार गांधी जयंती पर कैदियों की रिहाई, केंद्रीय जेल से दो महिलाओं समेत 29 कैदी आजाद


सीएम ने कारीगरों को किया प्रोत्साहित

https://www.dailymotion.com/embed/video/x8e5k6l

मुख्यमंत्री शिवराज ने एक स्टाल पर चरखा चलाकर सूत काता। उन्होंने स्टाल पर उपस्थित विक्रताओं से उनके व्यवसाय के बारे जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि साड़ियां हों या कुर्ते पायजामे, इन्हें सुंदर रूप दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि हमारे कारीगरों को अच्छा कार्य मिले। इस कार्य से उनकी जीविका चलती है। वोकल फार लोकल के तहत पूरे देश में कारीगरों को और बुनकरों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

 

यह भी पढ़ें- त्योहारी सीजन में पेंशनर्स के लिए बुरी खबर, अक्टूबर में नहीं मिलेगी पेंशन

 

हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि, हस्तशिल्प से जुड़े कारीगरों और चरखा चलाने वालों को आधुनिक चरखा और बिजली से चलने वाले चरखे उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है। ये साल आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष है। वस्त्र कारीगरों का रोजगार अच्छा चले, इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सीएम शिवराज ने कहा कि, माटी से कलाकृतियां और घरेलू उपयोग की वस्तुएं तैयार करने के लिए कारीगरों को माटी कला बोर्ड से प्रशिक्षण दिया गया है। हस्तशिल्पियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 75 फीसदी सब्सिडी भी दे रही है। इलेक्ट्रिक चाक प्रदान किए जा रहे हैं। मिट्टी से बर्तन और कुल्हड़ भी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि, आज यहां पहुंचकर उन्होंने कुल्हड़ बनाने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री शिवराज ने विद्युत चलित कुम्हारी चाक प्रदर्शित करते हुए प्रतीकस्वरूप एक हितग्राही को ये उपकरण प्रदान किये। ये हितग्राही माटी कला से जुड़े उद्यमी हैं, जिन्हें प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ भी मिला है।

 

यह भी पढ़ें- भाजपा युवा नेता के समर्थकों ने बर्थडे पार्टी में किया हर्ष फायर, गोली लगने से दो जख्मी

 

मुख्यमंत्री ने की उत्पादों की लांचिंग

मुख्यमंत्री शिवराज ने खादी उत्सव में नए उत्पादों की लांचिंग भी की। इनमें सूती मसलिन साड़ी, ट्रैवल किट (शेम्पू, साबुन, हेयर आयल, बाडी वाश, बाडी लोशन) आर्गेनिक मसाले (हल्दी, मिर्च, धनिया), गुड़ (एक जिला-एक उत्पाद), हवन सामग्री और सामरानी (धूप कप) शामिल हैं। इस अवसर पर कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव और प्रबंध संचालक अनुभा श्रीवास्तव भी उपस्थित थीं।


पहले भी सीएम बना चुके हैं मिट्टी के बर्तन

News

आपको बता दें कि, ये कोई पहला मौका नहीं, जब सीएम शिवराज ने मिट्टी के बर्तन बनाने में हाथ आजमाया हो। इससे पहले बीते साल दिवाली से पहले सीएम खजुराहो गए थे। वहां राजनगर के धमना गांव में उन्होंने कुम्हार समाज के लोगों की समस्याओं को जाना। साथ ही, धमना गांव में नोनेलाल प्रजापति के घर पहुंचकर उन्होंने दीये बनाए थे। इस दौरान वहां बने दीये और दीपावली के खिलौनों का अवलोकन भी किया था। शिवराज ने नोनेलाल के घर ही भोजन किया था।

Hindi News / Bhopal / शिवराज का जुदा अंदाज : कुम्हार के साथ बैठकर बनाए मिट्टी के बर्तन, चरखा चलाकर सूत भी काता

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.