आरक्षण संबंधी मामले को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट सितंबर माह में सुनवाई होनी है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार देश के दिग्गज वकीलों के जरिये अपने पक्ष रखने के लिए कोर्ट में खड़ा करने वाली है। यही वजह है कि सीएम दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ वकील एम नटराज और रविशंकर प्रसाद से चर्चा करेंगे। इस बैठक में प्रदेश के महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव और वकीलों का पैनल भी शामिल होगी।
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आरक्षण पर सरकार की रणनीति
OBC रिजर्वेशन मामले पर कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण बैठक ली थी। उसमें ओबीसी वर्ग के सभी मंत्री और विधायकों को बुलाया गया था। उस दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बैठक के संबंध में बताते हुए कहा था कि, सरकार ने ये सुनिश्चित किया है कि, कोर्ट में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने के मुद्दे पर चल रही सुनवाई में सरकार की ओर से देश के बड़े वकीलों को खड़ा करके बात रखवाई जाएगी। इसी रणनीति के तहत सोमवार को मुख्यमंत्री चौहान दिल्ली में वकीलों से चर्चा कर रहे हैं।
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आरक्षण पर सियासत
वहीं, दूसरी तरफ ओबीसी आरक्षण मामले पर मध्य प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। एक तरफ सरकार का तर्क है कि, ओबीसी आरक्षण का फैसला तत्कालीन कमल नाथ सरकार द्वारा सिर्फ अपना वोट बैंक बनाने की राजनीति के तहत लिया गया फैसला था। यही वजह है कि, आरक्षण के फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। तो वहीं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस आरोप लगा रही है कि, हाईकोर्ट में मामला लंबित रहने की वजह ये है कि मौजूदा बीजेपी सरकार इस मामले पर मजबूती से पक्ष नहीं रख रही। इन सब के बीच गौर करें, तो ये मध्य प्रदेश की आबादी के करीब 52 फीसदी वर्ग के लिये महत्वपूर्ण फैसला है।
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