गोवर्धन पूजा के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, गोवर्धन पूजा का चलन भले ही शहरों में कम होता है, लेकिन गांव के हर घर में पूजा आयोजित की जाती है, जिसे आज हम ग्रीन बेल्ट कहते थे। किसान पहले गांव में रखते थे। पशुओं के लिए अलग से जगह होती थी। लोग बोल रहे है कि, मुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं, कौन सी पूजा में लगे हैं। हमारा देश अद्भुत है, ये एक परंपरा है। ये भी संभव है कि, कुछ लोग इसमें भी तर्क कुतर्क करें, लेकिन हमें पशुओं को सम्मान के भाव से देखना है। पेड़ों की पूजा हज़ारों साल से होती आ रही है। भारत बीते हजारों साल से बोलता आ रहा है कि, प्रकृति का शोषण मत करो। गोवर्धन नहीं होता तो औषधि नहीं होती, ना फल, ना चारा।
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विपक्ष पर पलटवार
सीएम ने आगे ये भी कहा कि, चीते लाओ, शेर लाओ सब लाओ। प्रकृति का संतुलन बनाकर रखना है। पशु नहीं होंगे तो हमारा अस्तित्व भी नहीं रहेगा। इंसान लालच में अंधा हो गया है। पेड़ काटने शुरू कर दिए। इशारों में सीएम ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि, ये कोई कर्मकांड नहीं है। ये सरकार का कोई कार्यक्रम नहीं है। हम पर्यावरण की चिंता करते हुए धरती को बचाकर रखने की कोशिश कर रहे हैं।
दिवाली की आतिशबाजी पर बोले सीएम
सीएम ने दीपावली की आतिशबाजी पर कई जिलों में किये गए बैन पर कहा कि, कई जगहों पर पटाखों को फोड़ने पर बैन लगाया गया। इनमें सिंगरौली, कटनी, ग्वालियर सामिल हैं। यहां के कलेक्टर डंडा लेकर सड़कों पर घूम रहे हैं, लेकिन जिन्हें फोड़ना है वो तो फोड़ेंगे ही, किस किस को बंद करेंगे। अकेले फटाके से कुछ नहीं होता, वो साल में एक बार फोड़े जाते हैं। ऐसा नहीं है कि, पटाखे फोड़ेंगे तो ही प्रदूषण होगा और नहीं फोड़गे तो पर्यावरण अच्छा रहेगा।
गौवंश पर शिवराज की बात
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, कई गौवंश सड़क पर हैं। ये अकेले सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं है। अकेले सरकार के गौशाला खोलने से कुछ नहीं होगा। हम अपनी ज़िम्मेदारी से नहीं बच रहे, लेकिन सबको आगे आना होगा। गौवंश की ज़रूरत को समझना होगा। सरकार सभी जगह गौशालाें खोलने का प्रयास करेगी। हर शहर और पंचायत में एक स्थान सुनिश्चित करेंगे, जहां खास मौकों पर आकर लोग पेड़ लगा सकें और पेड़ों की रक्षा की जिम्मेदारी निभा सकें। एमपी जीडीपी की गणना करेगा और ग्रॉस एनवायरमेंट प्रोडक्ट को भी जोड़ेगा।