मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को रीवा के मऊगंज में आयोजित संबल योजना के कार्यक्रम यह बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मऊगंज को अलग जिला बनाया जा रहा है, इसका मैं नक्शा भी लेकर आया हूं। 15 अगस्त को मऊगंज जिला मुख्यालय पर झंडा फहराया जाएगा।
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सीएम कमलनाथ का आश्वासन- जिला बनेगा चांचौड़ा
रीवा जिले के कलेक्टर ने मऊगंज को जिला बनाने का प्रस्ताव राजस्व मंत्रालय के सचिव को भेजा था। मंत्रालय से मंजूरी के बाद कभी भी जिला बनाए जाने की घोषणा हो सकती है। शनिवार को ऐसा ही हुआ, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान कर दिया।
बताया जाता है कि मऊगंज अलग जिला बनने से 1070 गांव सहित काफी आबादी रीवा से अलग हो जाएगी। 10 राजस्व सर्किल और 264 पटवारी हल्के इस जिले में शामिल होंगे। इसके अलावा मऊगंज, नईगढ़ी और हनुमान इस जिले में शामिल होंगे।
रीवा की बात करें तो फिलहाल जिले में 2817 गांव हैं और 12 तहसीलें हैं। इसके अलावा 857 पटवरी हल्के हैं और 42 राजस्व निरीक्षक मंडल हैं। मऊगंज से रीवा मुख्यालय की बात करें तो वहां से दूरी लगभग 65 किमी है। मऊगंज के लोग काफी समय से मऊगंज को अलग जिला बनाने की मांग कर रहे थे। इसे जिला बनाने को लेकर साल 2008 में पहली बार मुख्यमंत्री रहते शिवराज सिहं चौहान ने ही घोषणा की थी। लेकिन, इसे लेकर सियासत होती रही। कमलनाथ सरकार आने के बाद इसे जिला बनाने की मांग तेज हो गई थी, लेकिन तब भी यह जिला नहीं बन पाया था।
ऐसे बढ़ते गए जिले
सन 2000 में जब छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश का बंटवारा हुआ, तब जिलों की संक्या 45 थी। 2003 में उमा भारती के मुख्यमंत्रित्व काल में अशोकनगर, अनूपपुर और बुरहानपुर को जिला बनाया गया था। तब एमपी में कुल 48 जिले हो गए थे।
सन 2008 में शिवराज सिंह चौहान के सीएम रहते दो नए जिलों को घोषणा हुई, जिसमें झाबुआ से टूटकर अलीराजपुर और सीधे से टूटकर सिंगरौली बनाया गया था। इसके बाद मध्यप्रदेश में जिलों की संख्या 50 हो गई थी। मध्यप्रदेश में एक बार फिर शाजापुर जिले को तोड़कर आगर मालवा जिला बनाया गया। तब 51 जिले हो चुके थे।
मध्यप्रदेश में अक्टूबर 2018 में एक बार फिर टीकमगढ़ जैसे बड़े जिलों को तोड़कर निवाड़ी जिला बनाया गया। तब मध्यप्रदेश में जिलों की संख्या 52 हो गई।
अब ताजा घोषणा रीवा जिले से तोड़कर मऊगंज को जिला बनाने की हुई है। अब ऐसे में मध्यप्रदेश के कुल जिले 53 हो जाएंगे।
जबकि कमलनाथ सरकार के वक्त प्रदेश में नागदा और चांचौड़ा को जिला बनाने की कोशिश हुई थी, घोषणा के बावजूद इन जिलों को बनाने का इंतजार है।
इसके अलावा विंध्य क्षेत्र से ही मैहर को नया जिला बनाए जाने की मांग भी काफी समय से उठ रही है। भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी कई बार मैहर को जिला बनाने की मांग उठा चुके हैं।