रीवा प्रदेश का ऐसा 6वां एयरपोर्ट है, जिसे DGCA की मंजूरी मिली है। इसके साथ ही अब यहां यात्री उड़ानों के साथ मालवाहक विमान भी उड़ान भर सकेंगे। प्रदेश के भोपाल, इंदौर, खजुराहो, ग्वालियर और जबलपुर एयरपोर्ट पर ये सुविधाएं अभी उपलब्ध हैं।
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रीवा एयरपोर्ट से यात्री उड़ानों की खासी मांग है। इससे क्षेत्र में ट्रांसपोर्टेशन को गति मिलेगी। एयरपोर्ट पर 72 सीटर तक के एयरक्राफ्ट उड़ान भर सकेंगे। बता दें कि रीवा एयरपोर्ट को 100 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। इसे महज 18 महीने में तैयार कर लिया गया।
डीजीसीए की मंजूरी के बाद सीएम मोहन यादव यहां से कमर्शियल फ्लाइट चालू करने की कोशिश में जुट गए हैं। इस संबंध में उन्होंने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू से भेंट की। सीएम मोहन यादव ने भोपाल को मिली पुणे एवं कोलकाता की नई फ्लाइट के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री का आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही रीवा एयरपोर्ट की आगामी कार्य योजना और प्रदेश की एयर कनेक्टिविटी को और बेहतर करने के संबंध में चर्चा की।
2025 में शुरू होंगी कमर्शियल फ्लाइट
रीवा एयरपोर्ट में अभी कुछ निर्माण कार्य जारी हैं। रीवा जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह एयरपोर्ट अभी सरकारी, वीआईपी और निजी उड़ानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कमर्शियल फ्लाइट अभी यहां से नहीं हैं। रीवा से 2025 तक कमर्शियल उड़ानें चालू होने की उम्मीद है।
रीवा एयरपोर्ट में अभी कुछ निर्माण कार्य जारी हैं। रीवा जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह एयरपोर्ट अभी सरकारी, वीआईपी और निजी उड़ानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कमर्शियल फ्लाइट अभी यहां से नहीं हैं। रीवा से 2025 तक कमर्शियल उड़ानें चालू होने की उम्मीद है।