सीएम मोहन यादव के मुताबिक प्रदेश के सभी संभागों, जिलों और तहसीलों की सीमाओं का नए सिरे से निर्धारण किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने परिसीमन आयोग बना दिया है। तीन सदस्यीय आयोग के अध्यक्ष एमपी के सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव होंगे। अन्य दो सदस्य बाद में नियुक्त किए जाएंगे।
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प्रदेश में कई संभागों, जिलों की सीमाओं के आकार में खासा अंतर है। भौगोलिक दृष्टि से कई जिले बहुत छोटे हैं जबकि इंदौर जैसे कुछेक जिले आकार में बहुत बड़े हैं। राजनैतिक मांगों के बाद बनाए गए कुछ नए जिलों के कारण सीमाओं में कमीबेशी हो गई है। इससे न केवल प्रशासनिक दिक्कतें पैदा हो रही हैं बल्कि आमजन भी परेशान हो रहे हैं।
इन दिक्कतों को दूर करने की जिम्मेदारी परिसीमन आयोग को सौंपी गई है। यह आयोग राज्य के सभी संभागों, जिलों की सीमाओं का जायजा लेगा। जिलों, संभागों का निरीक्षण करके आमजन और प्रशासन की सहूलियत के नजरिए से उनकी सीमाओं का उचित निर्धारण भी करेगा। परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर राज्य सरकार अंतिम फैसला लेगी।
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सीएम मोहन यादव ने इस संबंध में ट्वीट भी किया। उन्होंने अपने एक्स हेंडल पर लिखा— हमारी सरकार ने प्रदेश के विकास और प्रशासनिक सुधार के लिए नए परिसीमन आयोग का गठन किया है…
जिलों और संभागों का पुनः परीक्षण कर, हम आपकी भलाई के लिए बेहतर व्यवस्थाओं की नींव रख रहे हैं। हमारा प्रयास है कि प्रदेश का हर कोना प्रगति की ओर बढ़े। यह भी पढ़ें : एमपी का नया इंटरनेशनल एयरपोर्ट, यहां अक्टूबर से रोज उड़ेंगी 50 फ्लाइट
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने परिसीमन आयोग बनाने की जानकारी देते हुए बताया भौगोलिक दृष्टि से देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य होने के नाते मध्यप्रदेश का अपना क्षेत्रफल तो है लेकिन इससे कुछ कठिनाइयां भी हो रहीं हैं। नए परिसीमन आयोग का गठन कर, जिलों और संभागों का पुनः परीक्षण कर, हम आपकी भलाई के लिए बेहतर व्यवस्थाओं की नींव रख रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने परिसीमन आयोग बनाने की जानकारी देते हुए बताया भौगोलिक दृष्टि से देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य होने के नाते मध्यप्रदेश का अपना क्षेत्रफल तो है लेकिन इससे कुछ कठिनाइयां भी हो रहीं हैं। नए परिसीमन आयोग का गठन कर, जिलों और संभागों का पुनः परीक्षण कर, हम आपकी भलाई के लिए बेहतर व्यवस्थाओं की नींव रख रहे हैं।
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एमपी में अभी 55 जिले हैं जिनमें तीन जिले मउगंज, पांढुर्णा और मैहर पिछले साल बनाए गए। इधर प्रदेशभर में नए जिलों के गठन की मांग की जा रही है। सागर, खरगोन जैसे बड़े जिलों को तो कई टुकड़ों में बांटे जाने की मांग है। इसके अलावा छिंदवाड़ा, छतरपुर, गुना और धार में भी तहसीलों को जिला बनाने की मुहिम चलाई जा रही है। प्रदेश में करीब एक दर्जन नए जिलों के लिए राजनैतिक कवायद चल रही है। परिसीमन आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद इनमें से कुछ तहसीलों को जिला बनाना तय है।
एमपी में अभी 55 जिले हैं जिनमें तीन जिले मउगंज, पांढुर्णा और मैहर पिछले साल बनाए गए। इधर प्रदेशभर में नए जिलों के गठन की मांग की जा रही है। सागर, खरगोन जैसे बड़े जिलों को तो कई टुकड़ों में बांटे जाने की मांग है। इसके अलावा छिंदवाड़ा, छतरपुर, गुना और धार में भी तहसीलों को जिला बनाने की मुहिम चलाई जा रही है। प्रदेश में करीब एक दर्जन नए जिलों के लिए राजनैतिक कवायद चल रही है। परिसीमन आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद इनमें से कुछ तहसीलों को जिला बनाना तय है।