डॉ. मोहन यादव का गौ प्रेम छिपा नहीं है। गायों से इसी लगाव के चलते वे सीएम हाउस में देश की विलुप्त श्रेणी की पुंगनूर गाय भी बुला चुके हैं। अप्रेल 2024 में सीएम मोहन यादव ने एक्स पर इन गायों को दुलारते हुए अपनी तस्वीरें पोस्ट की थीं।
सीएम हाउस की इन गायों की तस्वीरों के साथ डॉ. मोहन यादव ने पोस्ट करते लिखा था- आज निवास पर विशेष प्रजाति की पुंगनूर गाय और नंदी का आंध्र प्रदेश से आगमन हुआ। गौमाता ‘मीरा’ और नंदी महाराज ‘गोपाल’ जी का हार्दिक स्वागत है। छोटे पैर और छोटे कद की पुंगनूर नस्ल की गाय विलुप्त होने की कगार पर थी, लेकिन पीएम मोदी की वजह से अब इस नस्ल की गाय के संरक्षण की कोशिशें हो रही है।
बता दें कि पुंगनूर नस्ल (Punganur Cow Breed) की गाय आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले के शहर पुंगनूर में पाई जाती है। 2 से 4 फीट लंबाई की इस गाय की कीमत 1 लाख रुपए से लेकर 25 लाख तक बताई जाती है। मीडिया रिपोर्ट में पुंगनूर गाय के असली घी की कीमत 10 हजार रुपए प्रति किलोग्राम बताई जाती है।
देश में ये गाय अब विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी हैं। 5 साल पहले 2019 की 20 वीं पशुधन संगणना और एनबीएजीआर के डाटा के अनुसार देश में पुंगनूर गाय की संख्या 13275 थी। देश में सबसे कम संख्या वाली नस्लों में तीसरे नंबर पर इस गाय के संरक्षण के लिए आंध्र सरकार करोड़ों का बजट प्रावधान किया।
विशेषज्ञ बताते हैं कि देश की अन्य नस्ल की गायों की तुलना पुंगनूर गाय के दूध में दोगुने से ज्यादा फैट होता है। इसके दूध में 8 प्रतिशत तक फैट पाया जाता है जबकि गायों के दूध में इसकी मात्रा महज 3 से 5 प्रतिशत ही होती है। बताते हैं कि इसके दूध में सोना होता है।
पुंगनूर गाय देशभर में उस समय चर्चा में आई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मकर संक्राति पर इन गायों को चारा खिलाते तस्वीरें वायरल हुईं। पीएम मोदी इस गाय को पालने और इसके संरक्षण के लिए प्रेरित करते आ रहे हैं।
एक नजर-
पुंगनूर के दूध से ही तिरुपति बालाजी का अभिषेक होता है।
आंध्रवासी इसे कामधेनु गाय का स्वरूप मानते हैं।
पुंगनूर गाय सफेद और हल्के भूरे रंग की होती है।
इस नस्ल की गाय के सींग छोटे होते हैं।
पुंगनूर गाय की औसत ऊंचाई ढाई से तीन फीट होती है।
इनका वजन 100 से 200 किलोग्राम होता है।
इसके दूध में औषधीय गुण होता है।
पुंगनूर गाय के मूत्र में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं।
आंध्र के किसान इसे फसलों पर छिड़कते हैं।
पुंगनूर के दूध से ही तिरुपति बालाजी का अभिषेक होता है।
आंध्रवासी इसे कामधेनु गाय का स्वरूप मानते हैं।
पुंगनूर गाय सफेद और हल्के भूरे रंग की होती है।
इस नस्ल की गाय के सींग छोटे होते हैं।
पुंगनूर गाय की औसत ऊंचाई ढाई से तीन फीट होती है।
इनका वजन 100 से 200 किलोग्राम होता है।
इसके दूध में औषधीय गुण होता है।
पुंगनूर गाय के मूत्र में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं।
आंध्र के किसान इसे फसलों पर छिड़कते हैं।