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इन्हें करना होगा आवेदन
मध्य प्रदेश श्रम विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, कोरोना संक्रमण का शिकार होने वाले माता-पिता या अभिभावक की मौत होने पर अनाथ हुए बच्चों के पालन-पोषण के लिये योजना का लाभ लेने के लिए शहरी क्षेत्र में नगर निगम आयुक्त, साथ ही नगर पालिका या नगर परिषद के सीएमओ और ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत के सीईओ को आवेदन किया जाएगा। इसके बाद कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति इसे मंजूर करने पर सेहमति देगी।
हर माह राशन और पहली से पीएचडी तक निशुल्क शिक्षा का हो चुका है ऐलान, जानिये शर्त
आपको बता दें कि, पिछले दिनों सीएम शिवराज द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, पात्रता न होने के बाद भी हर माह राशन और पहली से पीएचडी तक निशुल्क शिक्षा देने का प्रविधान किया जा चुका है। इसका लाभ एक मार्च 2020 के बाद कोरोना से मृत लोगों के आश्रित बच्चों को दिया जाएगा। हालांकि, इस फैसले में भी योजना का फायदा सिर्फ मध्य प्रदेश के मूल निवासियों को ही मिल सकेगा। आवेदन के साथ बर्थ सार्टिफिकेट, कोरोना से माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु का मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र देना जरूरी होगा।
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सीएम कोविड जन कल्याण योजना में दावेदारी करने वालों के लिये जरूरी शर्तें
-अभिभावक या माता-पिता की कोरोना से तुरंत या ठीक होने के दो माह के भीतर मृत्यु हुई हो।
-RT-PCR रैपिड एंटीजन टेस्ट और सिटी स्कैन के आधार पर डॉक्टर द्वारा कोरोना की पुष्टि की गई हो।
-शुन्य से 21 वर्ष तक के बच्चे ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। 21 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिये ये जोजना लागू नहीं होगी।
-कोरोना से मरने वाले व्यक्ति के परिवार में पहले से किसी को सरकारी पेंशन न मिलती हो।
-सीएम कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के तहत लाभ न मिला हो।
सीएम जन कल्याण योजना के तहत मिलेंगे ये लाभ
-पहली कक्षा से लेकर पीएचडी करने तक निशुल्क शिक्षा प्रदान कराई जाएगी।
-कक्षा 8वीं तक प्राइवेट स्कूलों में आरटीआई के तहत एडमीशन, लेकिन 9वीं या उसके आगे प्राइवेट स्कूलों की पात्रता नहीं होगी।
-उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा संस्थान ऐसे विद्यार्थियों से प्रवेश शुल्क नहीं लेंगे।
-स्कॉलरशिप मिलेगी। सरकार सिर्फ शिक्षण शुल्क ही देगी।
-पढ़ाई के दौरान 10 माह तक हर महीने 1500 गुजारा भत्ता दिया जाएगा।
-पीजी की पढ़ाई के दौरान नगर निगम क्षेत्र में 500 और नगर पालिका क्षेत्र में 300 रुपये परिवहन भत्ता दिया जाएगा।
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