सर्दी-जुकाम है तो बच्चे को स्कूल न भेजें पैरेंट्स
छोटे बच्चों पर वायरस के असर को मद्देनजर रखते हुए मध्य प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों में सतर्कता बरती जाने लगी है। कई स्कूलों ने तो केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार एहतियादी दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए है। साथ ही स्कूलों की ओर से पैरेंट्स को सलाह दी जा रही है कि अपने बच्चों को मास्क लगाकर ही स्कूल भेजें। क्योंकि इस संक्रमण के लक्षण कोरोना से मिल रहे हैं, ऐसे में स्कूलों द्वारा पेरेंट्स को सलाह दी गई है कि अगर बच्चे को सर्दी-जुकाम, खांसी आदि लक्षण हैं तो उसे स्कूल न भेजें। क्योंकि सर्दी-जुकाम से ग्रस्त व्यक्ति सबसे तेजी से वायरस स्प्रेड करता है। हालांकि, ये सिर्फ स्कूलों की ओर से सावधानियां बरती जा रही है, जबकि राज्य सरकार या शिक्षा विभाग की ओर से अबतक स्कूलों को ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं दी गई है। यह भी पढ़ें- एमपी में जीरो डिग्री पहुंचा तापमान, यहां जमीन पर जमी बर्फ, वीडियो कर देगा हैरान
स्कूलों के गेट पर स्टाफ तैनात किया
स्कूलों में हालत ये हैं कि बच्चों को स्कूल के गेट पर एंट्री करने से पहले स्कूल का स्टाफ चेक कर रहा है कि कहीं किसी बच्चे को सर्दी-जुकाम तो नहीं। अगर किसी भी बच्चे में संभावित लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं तो उस बच्चे को क्लास में अलग बैठाकर उनके पैरेंट्स को बुलाकर समझाया जा रहा है। राजधानी भोपाल के कई स्कूलों का कहना है कि अबतक प्रदेश सरकार की ओर से इस संबंध में कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। हम अपने स्तर पर सावधानियां बरत रहे हैं ताकि बच्चों को किसी अनजान मुसीबत से बचाकर रखें।एमपी में कोई केस नहीं, पर सरकार अलर्ट मोड पर
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग आयुक्त तरुण राठी के अनुसार, ‘एचएमपीवी वायरस को लेकर कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है।’ वहीं, स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल भी अधिकारियों को संक्रमण की स्थिति पर गहन निगरानी रखने का निर्देश दे चुके हैं। साथ ही मेडिकल कालेजों में पे-प्रोटेक्शन से संबंधित प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट अनुमोदन के लिए शीघ्र प्रस्तुत करने को भी निर्देशित कर चुके हैं। स्वास्थ मंत्री अधिकारियों को वायरस के पल पल के अपडेट पर नजर बनाए रखने को भी कह चुके हैं।कोरोना की तुलना में कितना घातक है HMPV?
राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि ‘ये वायरस जानलेवा या घातक तो नहीं है। हां, ये जरूर है कि कुछ व्यक्तियों में फेफड़ों के संक्रमण का कारण बन सकता है।’ आईसीएमआर के अनुसार, ‘इस बात पर जोर दिया जाता है कि एचएमपीवी पहले से ही भारत समेत विश्व स्तर पर प्रचलन में है और एचएमपीवी से जुड़ी श्वासन संबंधी बीमारियों के मामले विभिन्न देशों में रिपोर्ट किए गए हैं।’ यह भी पढ़ें- Ladli Behna Yojana की राशि 10 जनवरी को खाते में आएगी, इतनी होगी साल की पहली किस्त
क्या हैं एचएमपीवी वायरस के लक्षण?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक ऐसा वायरस है, जिसके लक्षण काफी हद तक सामान्य सर्दी-जुकाम हैं। आमतौर पर खांसी या गले में ऐंठन, नाक बहना या गले में खराश महसूस होती है। अबतक सामने आए आंकड़ों के अनुसार, छोटे बच्चों और बुजुर्गों को ये संक्रमण काफी प्रभावित कर रहा है। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को भी ये वायरस गंभीर बीमार कर रहा है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक आम श्वसन वायरस है, जो आमतौर पर हल्के सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है। अबतक जारी अध्ययनों के अनुसार ये संक्रमण कोई नया नहीं है, बल्कि 1970 के दशक से सर्कूलेट हो रहा है, हालांकि, वैज्ञानिकों ने साल 2001 में पहली बार इसकी पहचान की थी।वायरस से कैसे बचें?
-खांसी आने या छींक चलने पर मुंह पर रूमाल या कपड़ा जरूर रखें। खांसने-छींकने के बाद इस्तेमाल किए रूमाल या कपड़े को साबुन से जरूर धोएं।-किसी भी तरह के सर्दी-ज़ुकाम से ग्रस्त व्यक्ति मास्क लगाकर रखे। घर पर भी जितना संभव हो अन्य सदस्यों से सीधे संपर्क में आने से बचे।
-बाहर निकलने से बचें, क्योंकि ये तरीका सबसे असरदार है, जो आपको संकर्मण की चपेट में आने से बचा सकता है।
-पानी पर्याप्त मात्रा में पीयें और पौष्टिक खाद्य पदार्थ जरूर खाते रहें। इससे आपकी इम्यूनिटी बनी रहेगी।
-पहले से ही सांस की कोई बीमारी है तो आपको सतर्कता बरतने की अधिक जरूरत है।
-डॉक्टर से परामर्श लिए बिना लामान्य सर्दी-जुकाम की दवाएं किसी शर्त पर न लें।