बताया जा रहा है कि, ये संदिग्ध ड्रोन अंडा सेल से करीब 200 मीटर दूरी पर उस स्थान पर मिला है, जहां नई बैरिक का निर्माण कार्य चल रहा है। हालांकि, अबतक की जांच में सामने आया है कि दो लैंस वाले इस चाइनीज ड्रोन कैमरे से किसी तरह का संदिग्ध इनपुट नहीं मिला है। हालांकि, ड्रोन को तकनीकी जांच के लिए इसे लेब भेजा जा रहा है, ताकि उसका बारीकी से अध्यन हो सके। बताया ये भी जा रहा है कि जेल परिसर से मिला ड्रोन ‘मेड इन चाइना’ है।
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गड्ढे में पड़ा दिखा था ड्रोन
मामले को लेकर जेल अधीक्षक राकेश भांगरे का कहना है कि केंद्रीय जेल परिसर स्थित खंड (ब) हाई सिक्योरिटी जोन में आता है। ये वो क्षेत्र है, जहां खूंखार कैदियों के साथ साथ आतंकियों को बंद रखा गया है। इस बैरक के पास ही नई बैरकों का निर्माण भी हो रहा है। बुधवार शाम करीब साढ़े तीन बजे एक जेल प्रहरी राउंड पर था। उन्हें हाई सिक्योरिटी जोन से करीब 200 मीटर दूर खोदे गए गड्ढे के पास एक संदिग्ध वस्तु दिखाई दी। उन्होंने नजदीक जाकर देखा तो पता चला कि वो वस्तु ड्रोन था। उन्होंने तुरंत ही इसकी सूचना जेल प्रबंधन के साथ साथ विभाग के आला अफसरों को दी।ड्रोन की जांच जारी
सेंट्रल जेल में ड्रोन मिलने से जेल प्रबंधन के साथ-साथ विभाग के अफसरों में भी हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सभी आला अधिकारी जेल पहुंचे और जांच शुरू की। अबतक की पड़ताल में पता चला कि ड्रोन के अंदर बैटरी लगी है और दो कैमरे फिट हैं। इन कैमरों के अंदर क्या रिकॉर्ड हुआ, फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। ड्रोन में बाकायदा लाइटें भी लगी हुई हैं। यह भी पढ़ें- श्रीनगर के बाद देश में सबसे ठंडा एमपी का ये शहर, 0 डिग्री पहुंचा तापमान, टूटे कई साल के रिकॉर्ड