भोपाल

बाल बजट : नए कलेवर में पुरानी योजनाएं

– 220 योजनाएं पहले भी विभिन्न विभागों में, कोई नई योजना नहीं हुई लागू

भोपालMar 09, 2022 / 10:26 pm

जीतेन्द्र चौरसिया

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भोपाल। शिवराज सरकार ने पहली बार चाइल्ट बजट तो पेश किया, लेकिन इसमें उन्हीं योजनाओं को शामिल किया है जो पहले भी विभिन्न विभागों के तहत संचालित हो रही थी। 57803 करोड़ के चाइल्ट बजट में बच्चों के लिए कोई नई योजना नहीं लाई गई है। इसके तहत पुरानी योजनाओं को ही चाइल्ड बजट के नए कलेवर में पेश किया गया है। इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर मुख्य रूप से सौ फीसदी खर्च और तीस फीसदी खर्च के हिसाब से 17 विभागों की 220 योजनाओं को चाइल्ट बजट में शामिल किया गया है। इनमें अधिकतर योजनाओं में राशि बढ़ाई गई है। लाड़ली लक्ष्मी-2 जैसी नई योजनाएं जरुर आना है, लेकिन इसकी घोषणा व रोडमैप भी पूर्व में आ चुके हैं।
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प्रमुख योजनाओं की ऐसी स्थिति –

चाइल्ड बजट के तहत स्कूल शिक्षा में प्राथमिक शिक्षा के तहत बजट बढ़ाया गया है। सीएम राइज स्कूल के लिए अभी 50.50 करोड़ रुपए रखे थे, लेकिन इसे अब चाइल्ड बजट में शामिल करके 302 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वहीं जनजातीय विभाग में आकांक्षा योजना के तहत पिछले साल दस लाख 30 हजार रुपए रखे थे, जिसे इस बार चाइल्ड बजट में शामिल करके दस लाख 35 हजार कर दिया यगा है। इसी तरह विद्यार्थियों को खाद्य-नागरिक आपूर्ति विभाग के तहत रियायती दर पर खाद्यान्न के लिए 11.30 करोड़ रुपए रखे थे, जिन्हें बढ़ाकर इस बार 13 करोड़ कर दिया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना मिशन शक्ति सामथ्र्य के तहत 21 करोड़ का प्रावधान किया है। पिछले बजट में इस पर कुछ नहीं था। कोविड बाल सेवा योजना के तहत पिछली बार 6.48 करोड़ रुपए रखे थे, जो अब चाइल्ड बजट के तहत बढ़ाकर 8.18 करोड़ कर दिए गए हैँ। इसी तरह किशोरी बालिका योजना, लाडली लक्ष्मी, उदिता परियोजना, झूलाघर योजना, अटल बाल आरोग्य मिशन, समेकित बाल संरक्षण, छात्र गृह योजना, कन्या प्रोत्साहन सहित अन्य योजनाओं में चाइल्ड बजट के तहत राशि बढ़ाई गई हैं।
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ये 17 विभाग जिनकी योजनाओं से बना बाल बजट-
खेल एवं युवा कल्याण, श्रम, स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा, नगरीय विकास, विधि एवं विधायी विभाग, जनजातीय कार्य, सामाजिक न्याय, खाद्य नागरिक आपूर्ति, संस्कृति, पर्यटन, पीएचई, महिला एवं बाल विकास, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण, अजा कल्याण, ग्रामीण विकास व घुमन्तु व अध्र्द-घुमन्तु जनजाति विभाग।
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