मां-बाप ने अपने बच्चे को किसी मामूली बात पर डांट दिया था। उस समय सात साल के इस बच्चे ने गुस्से में घर ही छोड दिया। वह इधर उधर भटकता रहा और किसी तरह आश्रय गृह में पहुंच गया। पांच साल से वह आश्रय गृह में ही रह रहा था। बाल कल्याण समिति भोपाल और रेलवे चाइल्ड लाइन की कोशिशों से सालों बाद बच्चा अपने परिवार में लौट पाया।
समिति अध्यक्ष जागृति किरार ने बताया कि समिति इस प्रयास में है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों का उनके परिवार में पुनर्वास किया जा सके। इसी अभियान के तहत बच्चे के परिवार को खोजा गया। इसमें सफलता भी मिल गई।
बच्चे ने पांच साल पहले जानकारी दी थी कि माता-पिता में झगड़े के दौरान उसे बुरी तरह से डांट दिया था। इसलिए उसने घर छोड़ दिया था। बच्चा बस में बैठकर भोपाल आ पहुंचा था। यहां उसे भटकते देख पुलिस ने रेस्क्यू कर समिति के संरक्षण में रखवाया था। वह 6 अगस्त 2018 से भोपाल में था।
जैसे ही मां ने दौड़कर बच्चे को अपने सीने से लगाया, उसके सब्र का बांध भी टूट गया— बाद में पता चला कि सीहोर में एक गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी उसके आधार पर उसके माता-पिता से संपर्क किया गया तो उन्होंने पहचान लिया। माता-पिता को सामने देखा तो कुछ पल बच्चा वहीं ठिठक कर रह गया। वह माता-पिता को पहचानने की कोशिश कर रहा था, लेकिन जैसे ही मां ने दौड़कर बच्चे को अपने सीने से लगाया, उसके सब्र का बांध भी टूट गया।