हाथों से बने मसालों का इस्तेमाल
खाने में हाथों से बने मसालों का इस्तेमाल करने वालीं उज्जैन की जमना महाजन ने तीन माह पहले सात्विक भोजन नाम से अपना बिजनेस शुरू किया है। वह अपने हाथों से मसाले तैयार करती हैं, जो पूरी तरह केमिकल फ्री होते हैं। यह मसाले न सिर्फ उज्जैन बल्कि देशभर में फेमस हो चुके हैं। इनका स्वाद न केवल कोलकता, तमिलनाडु, मुंबई, नासिक, जयपुर, ओडिशा और तेलंगाना के लोग भी ले चुके हैं, बल्कि यूरोप में भी इसकी मांग है। 57 साल की उम्र में बिजनेस शुरू करने वालीं जमना ने कहा, ‘तीन महीने पहले ही अपनी योजना घर में शेयर की और घरवालों की मदद से काम शुरू किया। मसाले सहित 15 तरह के प्रोडक्ट्स हम बनाते हैं और ऑनलाइन सेल करते हैं। जमना बताती हैं कि ज्यादातर मसाले ड्राईफ्रूट्स और अन्य प्राकृतिक चीजों से बनाए जाते हैं। अब उन्होंने अन्य महिलाओं को अपने बिजनेस से जोड़ा है।
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विदेशों तक है पहुंच
जमना के मुताबिक, रजवाड़ी गरम मसाला गुजराती और राजस्थानी टेस्ट को मिक्स करके बनाया गया है। विंटर सीजन को देखते हुए प्रोटीन के लड्डू भी बनाए हैं, जिसमें अलसी, पीनट बटर और खजूर को मिलाया है। वहीं अधिकतर मसालों में गुलाब की सूखी पत्तियां, मगज और जायफल को मिलाया जाता है। इसके अलावा मसालों का ऑर्डर आने के बाद जब हम मसाले बनाते हैं, तो इनकी इंदौर की फूड लैब में टेस्टिंग कराने के बाद ही इन्हें सेल करते हैं।