ईदगाह से लेकर मस्जिदों में ईद की तैयारी चल है। रमजान माह 24 मार्च जुमा के दिन से शुरू हुआ था। समापन भी जुमे के दिन ही हो सकता है। बरसों बाद इस तरह का योग बन रहा है। इस बार रमजान माह में पांच जुमा होंगे। राजधानी में अलविदा जुमा को छोटी ईद की तरह मनाने का रिवाज है। लोग नए कपड़े और इत्र आदि के साथ नमाज-ए-जुमा अदा करने पहुंचते हैं। एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हुए लोग इस दिन दावतों का इंतजाम भी करते हैं। माह-ए-रमजान के विदा होने को लेकर प्रदेश के कई शहरों में अफसोस जताते हुए नाअत और गजलों से भी इस दिन को खास बनाते हैं।
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रुहते हिलाल कमेटी की बैठक होगी
काजी-ए-शहर सैयद मुश्ताक अली नदवी, शहर मुफ्ती अबूल कलाम खान कासमी और अन्य उलेमा के साथ रुहते हिलाल कमेटी की बैठक होगी। चांद की तस्दीक के बाद यह ऐलान करेगी। इस दिन चांद दिखाई देने पर यह जुमा चांद रात वाला जुमा भी कहलाएगा।
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जुमे से शुरुआत, जुमे को ही हो सकता है समापन
शुक्रवार शाम को अगर आसमान में चांद दिखाई देता है और शनिवार को ईद मनाने का ऐलान कर दिया जाता है तो जुमा का रोजा इस माह-ए-रमजान का आखिरी रोजा भी होगा। जुमा से शुरू होकर जुमा पर ही पूरे होने वाले रोजों का यह महीना भी लंबे समय तक याद रखा जाने वाला है।