भोपाल। “दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक होता है और महिला की सुंदरता”, चाणक्य की ये बातें कई मायनों में बहुत हद तक सही दिखती हैं। उनकी ये बातें महिलाओं के बारें में उनके विचार को प्रकट करते है। चाणक्य की बातें सदियों से लोगो की प्रेरणास्त्रोत रही है। जानिए, चाणक्य ने किन स्त्रियों से दूर रहने की सलाह दी है दुष्ट स्वभाव वाली स्त्री चाणक्य के अनुसार इस तरह की स्त्री से दूर रहने में ही भलाई है। जिस स्त्री का स्वभाव खराब हो उसका खर्चा उठाने वाले पुरुष को अपनी जिंदगी में काफी नुकसान झेलना पड़ता है। स्वार्थी स्त्री जो स्त्री केवल अपने स्वार्थ के लिए किसी पुरूष से जुड़ी हो ऐसी महिला से दूर रहना चाहिए। वो केवल अपना मतलब पूरा होने तक रहती है और ऐसे लोगों से संगती विनाश की ओर ले जाती है। कुसंस्सकारी चाणक्य ने कहा है जो स्त्री संस्कारी ना हो और चरित्रहीन हो वो कितनी ही सुंदर क्यों ना हो उससे दूर रहना चाहिए। अगर कोई लड़की देखने में सुंदर ना हो पर संस्कारी हो तो उसके साथ शादी की जा सकती है। जिस स्त्री का चरित्र अच्छा नहीं होगा वो दूसरे पुरूष की तरफ आकर्षित होगी। चाणक्य का मत है कि अच्छी स्त्री वह है जो धार्मिक, कामकाज में निपुण, सत्यनिष्ठ और अपने पति के लिए वफादार हो। चाणक्य के इस विचार को लोग नारी विरोधी भी मानते है। लेकिन अपने अनुभव और विवेक से आप उनकी बातों पर गौर सकते हैं।