भोपाल। केन्द्र सरकार चाय-पकौड़े सहित अन्य असंगठित करोबारियों के आय का सर्वे करा रही है। सर्वे में पता लगाया जाएगा कि ये कारोबारी साल में कितना कमाते हैं और कितने लोगों को रोजगार दिया है।
मोबाइल एप्प से होने वाले सर्वे में इन कारोबारियों का पूरा डाटा तैयार किया जाएगा। केन्द्रीय सांख्यकीय मंत्रालय के क्षेत्रीय निदेशक मनीष सम्मरवार ने यह जानकारी मंगलवार को पत्रकारों को दी।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश के आर्थिक संख्यकी संचालनालय के आयुक्त आरएस राठौर भी मौजूद थे। सम्मरवार ने बताया कि प्रदेश में 7वीं आर्थिक गणना की शुरुआत भोपाल सहित 37 जिलों में की गई है। कलेक्टरों के घर से शुरु हुआ इस सर्वे का परिणाम मार्च 2020 तक आ जाएगा।
आर्थिक संख्यकी संचालयनालय के आयुक्त आरएस राठौर ने कहा कि अर्थशास्त्रियों के अनुसार इस देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। इस सर्वे से देश में मंदी की तस्वीर सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि सर्वे से यह पता चल जाएगा कि पिछले 7 वर्षों में प्रदेश में अर्थव्यवस्था की क्या स्थिति है। यह डेटा देश की अर्थव्यवस्था को समझने के लिए काफी उपयोगी होगा।
केन्द्रीय क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि आर्थिक गणना का आधार सेवा प्रदाता, निर्माता और व्यापारी पर केन्द्रित रहेगा। इसमें घर में पापड़-अचार, खिलौने, सिलाई-कढ़ाई करने वाली महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा। सर्वे में नौकरी पेशा और बेरोजगारों को अलग श्रेणी में रखा जाएगा। सम्मरवार ने बताया कि पहली बार देश में आर्थिक गणना में निजी कंपनी का सहयोग लिया जा रहा है। इस बार पूरी गणना मैन्यूअल की जगह
मोबाइल ऐप से ऑन लाइन की जा रही है। उन्होंने एक परिवार के यहां सर्वे करने में महज तीन से चार मिनट का समय लग रहा है। जल्द ही शेष जिलों में भी सर्वे शुरु होगा।
सर्वे में इन पर रहेगा फोकस – असंगठित रूप से कारोबार करने वालों का डाटा तैयार करना।
– कितने फीसदी लोग कर रहे हैं करोबार। – ये लोग कब से कर रहे हैं कारोबार।
– कितने लोगों को मिल रहा असंगठित कारोबार में रोजगार ।
– इनके उत्पादन, बिक्री और आय की स्थिति क्या है।