मध्यप्रदेश जनगणना निदेशालय की निदेशक भावना वालिम्बे के एक पत्र की वजह से प्रशासनिक हलचल बढ़ गई है। मुख्य सचिव अनुराग जैन को लिखे इस पत्र में प्रदेश के सभी जिलों, तहसीलों, गांवों, शहरों और वार्डों आदि प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं को बदलने काम 31 दिसम्बर तक पूरा करने को कहा गया है। इस पत्र से माना जा रहा है 1 जनवरी से जनगणना का महाअभियान प्रारंभ हो सकता है।
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निदेशक भावना वालिम्बे ने मुख्य सचिव से कहा है कि राज्य की सभी प्रशासनिक इकाइयों जैसे जिलों, तहसीलीं, राजस्व ग्रामों, वन ग्रामों, नगरीय निकायों और वार्डों आदि की सीमाओं में बदलाव करना हो तो 31 दिसम्बर तक यह काम पूरा कर लें। मुख्य सचिव से इस बारे में सभी संबंधित विभागों जैसे पंचायत और ग्रामीण विकास, नगरीय आवास और विकास विभाग, राजस्व विभाग और वन विभाग को निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है। जनगणना निदेशक ने यह भी कहा है कि सीमाओं में बदलाव की जानकारी जनगणना निदेशालय को हर हाल में एक जनवरी के पहले दे दी जाए।
निदेशक भावना वालिम्बे ने मुख्य सचिव से कहा है कि राज्य की सभी प्रशासनिक इकाइयों जैसे जिलों, तहसीलीं, राजस्व ग्रामों, वन ग्रामों, नगरीय निकायों और वार्डों आदि की सीमाओं में बदलाव करना हो तो 31 दिसम्बर तक यह काम पूरा कर लें। मुख्य सचिव से इस बारे में सभी संबंधित विभागों जैसे पंचायत और ग्रामीण विकास, नगरीय आवास और विकास विभाग, राजस्व विभाग और वन विभाग को निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है। जनगणना निदेशक ने यह भी कहा है कि सीमाओं में बदलाव की जानकारी जनगणना निदेशालय को हर हाल में एक जनवरी के पहले दे दी जाए।
जनगणना निदेशालय के पत्र के बाद जनगणना के लिए हलचल तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि इसके लिए 31 दिसम्बर 2024 तक प्रदेश के सभी जिलों, शहरों, तहसीलों, गांवों और वन ग्रामों आदि की प्रशासनिक सीमाएं फ्रीज कर दी जाएंगी। सीमाएं फ्रीज किए जाने की राज्य सरकार की रिपोर्ट मिलते ही जनगणना निदेशालय अपना काम शुरु कर देगा।
भारत के महा रजिस्ट्रार कार्यालय ने जनगणना के लिए प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं को फ्रीज करने के लिए पत्र लिखा था। बता दें कि 2011 के बाद से देश में जनगणना पेंडिंग है। 2021 में जनगणना होनी थी लेकिन कोरोना के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।