भोपाल

Celebrity Maithili Thakur Interview : बॉलीवुड से कई ऑफर आने के बावजूद केवल लोकगीत ही गाना चाहती हैं मैथिली ठाकुर, जानें ऐसा क्यों

दिल्ली में हुए श्रद्धा मर्डर केस पर मैथिली (maithili thakur age) ने कहा कि आज के बच्चे खुद को मॉडर्न दिखाने के लिए पैरेन्ट्स की बात नहीं मानते, लेकिन बड़ों की बात नहीं मानना कोई आधुनिकता नहीं है। विश्वरंग में प्रस्तुति देने भोपाल पहुंची है मैथिली ठाकुर (maithili thakur age)।

भोपालNov 19, 2022 / 03:24 pm

shailendra tiwari

भोपाल। मुझे अक्सर फिल्मों में गाना गाने के ऑफर आते हैं। कुछ समय पहले एक बड़े डायरेक्टर ने मुझे लीड एक्ट्रेस का रोल भी ऑफर किया था, लेकिन ये मेरा सपना नहीं है। मैं सिर्फ लोक गीत गाना चाहती हूं। हमारी इंडस्ट्री में अच्छे एक्टर्स और सिंगर्स मौजूद है, इसलिए वहां मेरी जरूरत नहीं है। लोक गीत हमारे देश की संस्कृति की धरोहर हैं। मैं हमेशा सिर्फ लोक गीत ही गाना चाहती हूं। यह कहना है, विश्वरंग में प्रस्तुति देने भोपाल पहुंची मैथिली ठाकुर (maithili thakur income) का।

उन्होंने (maithili thakur income) कहा कि सोशल मीडिया का नेगेटिव इंपैक्ट भी होता है, जिसे पैरेंट्स ही कंट्रोल कर सकते हैं। बच्चे हो या टीनएजर्स उनमें इतनी समझ नहीं होती कि वे सही-गलत का फैसला कर सकें। ऐसे में पैरेंट्स का रोल बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। मेरे (maithili thakur income) माता-पिता ने हम तीनों की परवरिश ऐसे की है कि हम उनसे काफी जुड़ाव महसूस करते हैं, वह हमेशा मेरे साथ ही होते है। आज मैं 22 वर्ष की हूं, उसके बाद भी माता-पिता से हर चीज शेयर करती हूं। उनसे बिना पूछे कोई डिसीजन नहीं लेती। दिल्ली में हुए श्रद्धा मर्डर केस पर उन्होंने (maithili thakur income) कहा कि आज के बच्चे खुद को मॉडर्न दिखाने के लिए पैरेन्ट्स की बात नहीं मानते, लेकिन बड़ों की बात नहीं मानना कोई आधुनिकता नहीं है।

 

मैथिली (maithili thakur income) ने बताया कि मैंने छठवीं क्लास में दिल्ली के एक स्कूल में एडमिशन लिया। मुझे (maithili thakur car) अंग्रेजी नहीं आती थी। इस वजह से साथी मजाक उड़ाते थे, वे जानबूझकर मुझसे (maithili thakur car) अंग्रेजी में ही बात करते थे। आज भी शहरों में अंग्रेजी को बहुत महत्व दिया जाता है। यदि अंग्रेजी नहीं आती तो ऐसा समझा जाता है कि आपको कुछ भी नहीं आता। आज इस बारे में सोचती हूं तो खुशी होती है कि मैं (maithili thakur car) ऐसी सोच वाले लोगों को अपने गायन से जवाब दे पाई।

घर के माहौल ने धार्मिक बनाया
मैथिली (maithili thakur car) ने कहा कि मेरे भजनों में ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास झलकता है। हमारे घर में रामायण-सुंदरकांड का पाठ होता ही रहता था, इसी माहौल की वजह से आज मैं ऐसी हूं। 7 साल की उम्र से ही भजन गाने लगी। उन्होंने (maithili thakur car) बताया कि मैं अंग्रेजी, बुंदेलखंडी, पंजाबी टप्पे, मराठी के अभंग में गाने की कोशिश करती हूं और अपने गीतों में हमेशा कुछ नया जोड़ती हूं।

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