भोपाल। सीबीआई ने व्यापमं घोटाले के पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 और पीएमटी परीक्षा 2009 के अलग-अलग दो मामले में भोपाल और इंदौर स्थित विशेष अदालत में चालान पेश किया। दोनों मामलों में दस आरोपी बनाए गए हैं। सीबीआई ने जांच में ऐसे दो लोगों को भी गिरफ्तार किया था, जो एसटीएफ की कार्यवाही से बच गए थे। सीबीआई के अनुसार पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में नौ लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें तीन आरोपी बिहार के हैं, जो अन्य तीन उम्मीदवारों की जगह 30 सितंबर 2013 को हुई पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में बैठे थे। मामला 2015 में गौतम नगर थाने में दर्ज हुआ था। सीबीआई ने सभी नौ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। दूसरा मामला पीएमटी परीक्षा 2009 का है। इसमें एक के खिलाफ 2014 में संयोगितागंज थाना इंदौर में मामला दर्ज हुआ था। यह भी पढ़ें – VYAPAM: हर मौत के पीछे एक कहानी, चिता में दफ़न हो गए कई राज इसमें इंदौर स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप पत्र पेश किया गया। आरक्षक भर्ती मामले में सीबीआई ने दो लोगों को ढूंढ कर गिरफ्तार किया, जिनका पुलिस और एसटीएफ पता नहीं लगा पाई थी। अब ये जेल में हैं। यह भी पढ़ें – जानिए! VYAPAM के 2530 आरोपी और 48 मौतों की ‘असली’ कहानी पीएमटी परीक्षा 2009 व आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में जांच पूरी आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यापमं घोटाले से जुड़े मामलों की जांच मिलने के बाद सीबीआई ने यह पहला चालान पेश किया है। गौतम नगर पुलिस ने 2015 में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2012 में नौ आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने इसमें उम्मीदवार, फर्जी उम्मीदवार और दलाल को आरोपी बनाया था। यह भी पढ़ें – जानें, कैसे सामने आया VYAPAM SCAM, कौन बना व्हिसलब्लोअर तीन दलालों के माध्यम से उम्मीदवारों के स्थान पर बिहार के तीन फर्जी उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे। पुलिस ने मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जबकि दो आरोपी फरार थे। पिछले साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने एसटीएफ और एसआईटी से व्यापमं घोटाले से जुड़े सभी मामले सीबीआई को भेज दिए थे। सीबीआई ने विवेचना पूरी करके भोपाल में सीबीआई की विशेष अदालत में नौ आरोपियों के खिलाफ चालान पेश कर दिया है। वहीं, सीबीआई ने इंदौर की विशेष अदालत में पीएमटी-2009 में एक आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया है। इंदौर के संयोगितागंज थाने में 2014 में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले की जांच भी एसआईटी कर रही थी।