भोपाल

सावधानी ही बचाव, डोमेन रजिस्ट्रेशन बदलकर जालसाजी कर रहे जालसाज

साइबर गाइडलाइन की समझ जरूरी, गूगलपे, पेटीएम, अमेजन, फ्लिपकार्ट, बिजली कनेक्शन के सबसे ज्यादा मामले

भोपालDec 11, 2023 / 05:44 pm

Anupam Pandey

भोपाल. किसी भी कंपनी, संस्था, सर्विस प्रोवाइडर के नाम के साथ डोमेन रजिस्टर्ड की आसान प्रक्रिया सिरदर्द बन चुकी है। किसी भी बड़े ब्रांडनेम के साथ डॉट कॉम, डॉट नेट, डॉट बिज़, डॉट ओआरजी या डॉट जीओवी जोड़कर लोगों को साइबर धोखाधड़ी का शिकार बनाने वाले लगभग 3000 फर्जी लिंक साइबर सेल के फीडबैक के बाद इंटरनेट सर्च इंजन से हटाए गए, लेकिन इनमें से आधे वापस आ गए। फीडबैक के बाद केंद्रीय एजेंसियों ने मामले की पड़ताल की।
ये बात सामने आई कि ऑनलाइन डोमेन रजिस्ट्रेशन की आसान प्रक्रिया के चलते जालसाज बार-बार फर्जी लिंक लेकर गूगल जैसे प्लेटफार्म पर दोबारा दिखने लगते हैं। जांच एजेंसियां डोमेन रजिस्ट्रेशन करने वाले डोमेन नेटवर्किंग सर्विस प्रोवाइडर कंपनी से संपर्क कर अब ऐसा फायरवॉल सिस्टम बनाने के प्रयास में हैं ताकि कोई किसी के नाम से फर्जी लिंक बनाते समय ही पकड़ लिया जाए।
गो-डैडी, गूगल, होस्टिंगर, नेमचीप, बिग रॉक, नेट फॉर इंडिया, स्क्वेयर ब्रदर, इंडियालिंक्स, वन एंड वन, जेनिटिव, ब्लूहोस्ट, होस्टगेटर, ड्रीम होस्ट, शोपिफाई, बॉडी डोमेन जैसे डीएनएस सर्विस प्रोवाइडर ऑनलाइन यह सुविधा उपलब्ध कराते हैं।

क्या काम करता है डोमेन
फर्जी डोमेन रजिस्ट्रेशन कराना ठीक वैसा ही है जैसे आपके रजिस्टर्ड मकान पर कोई और अपना नाम पता लिखकर दुनिया भर में प्रचार करे। डोमेन रजिस्ट्रेशन सर्विस प्रोवाइडर ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर पर आने वाले वन टाइम पासवर्ड के आधार पर डोमेन रजिस्टर्ड कर देते हैं। ये उनका भौतिक सत्यापन का तरीका है। जालसाज फर्जी आईडी और सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं और किसी भी कंपनी का नाम इस्तेमाल कर डोमेन लेकर नेट पर आ जाते हैं। इंटरनेट पर संबंधित कंपनी के बारे में क्वैरी आते ही फर्जी लिंक सामने आ जाते हैं। इन लिंक पर हैकर की नजर रहती है यहां आने वाले फोन यूजर को मिरर एप्लीकेशन जैसे ऐप डाउनलोड करवा कर आसानी से खाता खाली कर दिया जाता है।
साइबर फ्रॉड होने पर आप राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें। भोपाल निवासी होने पर मोबाइल नंबर 9479990636 पर संपर्क करें।

कभी भी केवाईसी दस्तावेजों की प्रति बगैर पहचान वाले व्यक्ति, अपुष्ट/अनाधिकृत एप को नहीं देना चाहिए।
शॉपिंग मॉल, सिनेमा या ऑन लाइन इनाम के चक्कर में कभी भी अपने बैंकिंग मोबाइल नंबर को सार्वजनिक नहीं करें।

इस तरह के एप और बैंक खाते की सूचना सचेत पोर्टल के माध्यम से संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दें।
रिजर्व बैंक की वेबसाइट में पंजीकृत एनबीएफसी का नाम और पता जाना जा सकता है और पोर्टल के माध्यम से इकाइयों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

अनजान लोगों को ओटीपी या अपनी बैंक खाते की जानकारी शेयर नहीं करें।
बैंक अधिकारी बनकर फोन करने वालों से सावधान रहें।

कोई भी बैंक प्रबंधन कार्ड ब्लॉक करने केवाईसी अपडेट करने क्रेडिट लिमिट बढ़ाने या ऑनलाइन इनाम देने का झांसा मोबाइल फोन पर नहीं देता है।
किसी भी अनजान टेलीकॉलर के कहने पर प्लेस्टोर से जाकर अनाधिकृत एप्लीकेशन या लिंक को डाउनलोड करने का प्रयास नहीं करें।

राष्ट्रीय एवं स्थानीय हेल्पलाइन में करें संपर्क
ऑनलाइन डोमेन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान
फर्जी वेब लिंक के बारे में जानकारियां एजेंसियों से साझा की जाती रही हैं। गाइड लाइन का पालन एवं जागरुकता के साथ इनसे बचाव किया जा सकता है।
श्रुतकीर्ती सोमवंशी, डीसीपी, साइबर क्राइम

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