शिवराज के करीबी है रमाकांत
भाजपा ने बुधनी से रमाकांत भार्गव को अपना प्रत्याशी बनाया है। रमाकांत भार्गव विदिशा लोकसभा सीट से 2019 में सांसद चुने गए थे जहां उनके पोलिटिकल करियर की शुरुआत भी हुई थी। 2024 के चुनाव में रमाकांत का टिकट काटकर बीजेपी ने पूर्व सीएम शिवराज को अपना उम्मीदवार बनाया था। भार्गव को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता है। वह बुधनी विधानसभा सीट पर हुए पिछले 6 चुनाव में शिवराज के संचालक रहे थे। भार्गव इससे पहले अपेक्स बैंक के चेयरमेन और इफको के डायरेक्टर भी रह चुके है। चुनाव आयोग को दिए हलफनामें के अनुसार, सीहोर के शाहगंज हायर सेकेंडरी स्कूल से भार्गव ने 12 कक्षा तक पढ़ाई की है। उनकी कुल संपत्ति करीब तीन करोड़ है। रिकॉर्ड बताते है कि भार्गव के ऊपर एक भी आपराधिक मामले दर्ज नहीं है।
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31 साल पहले बने थे राजकुमार विधायक
बुधनी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने एक बार फिर पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को मैदान में उतारा है। यह बस एक संयोग मात्र है कि बुधनी सीट पर 3 बार उप चुनाव हुए और तीनों बार कांग्रेस से प्रत्याशी राजकुमार पटेल ही रहे है। पिछले दो उप चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था। बता दें कि, राजकुमार पहली और आखरी बार 1993 में बुधनी से विधायक चुने गए थे। उस समय की कांग्रेस सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था। कांग्रेस ने राजकुमार को साल 1998 के लोकसभा चुनाव में विदिशा सीट से भाजपा की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज के सामने उतारा था लेकिन बी-फॉर्म जमा न कर पाने के कारण उनका नामांकन पत्र निरस्त हो गया था। राजकुमार को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह करीबी माना जाता है। चुनाव आयोग के अनुसार, राजकुमार की कुल संपत्ति 16 करोड़ है। उन्होंने भोपाल यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री में पीएचडी की है। उनके खिलाफ एक भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। यह भी पढ़े – ED Raid: MP में ED की बड़ी कार्रवाई, चार्टर्ड अकाउंटेंट बीसी जैन के ठिकानों पर मारा छापा
केंद्रीय मंत्री सिंधिया के करीबी है रामनिवास
विजयपुर विधानसभा सीट से भाजपा ने वर्तमान वन मंत्री रामनिवास रावत को टिकट दिया है। वह इस सीट से कांग्रेस में रहते हुए 6 बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने 2023 में भी चुनाव जीता था लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी हाइकमान से नाराज होकर भाजपा में चले गए थे। भाजपा में शामिल होने के तुरंत बाद उन्हें वन मंत्री बनाया गया और नियमानुसार उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दे दिया। रामनिवास रावत ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के बड़े ओबीसी नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते है। रावत दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, रामनिवास की कुल संपत्ति 7 करोड़ से अधिक है। उन्होंने ग्वालियर के एमएलबी कॉलेज से एमए किया है। हालांकि, उन पर एक आपराधिक मामला दर्ज है।
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रामिनिवास के जाने के बाद कांग्रेस ने विजयपुर सीट से आदिवासी मुकेश मल्होत्रा को टिकट दिया है। इस विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग रहते है। मुकेश भी पहले भाजपा में थे जहां वे सहरिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष थे लेकिन रामनिवास के भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने लोक सभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का दामन थाम लिया था। उन्होंने 2023 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ा था जहां उन्हें 22 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। चुनाव आयोग के अनुसार, ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी से एमए इन सोशियोलॉजी करने वाले मुकेश की संपत्ति करीब 81 लाख है। मुकेश पर 2 आपराधिक मामले भी दर्ज है।