ई-केबिनेट सिस्टम लागू करने वाला एमपी देश का दूसरा राज्य होगा। उत्तराखंड में पहली बार ई केबिनेट मीटिंग E Cabinet Meeting हुई थी। मध्यप्रदेश सरकार राज्य में पूरी तरह पेपरलैस सिस्टम पर काम करने का निर्णय ले चुकी है। मंत्रालय के विभिन्न विभागीय कार्यालयों में ई-फाइलिंग सिस्टम लागू किया जा चुका है। इसके अंतर्गत अब ई-केबिनेट मीटिंग E Cabinet Meeting भी शुरू की जाएगी।
यह भी पढ़ें: कई टुकड़ों में बंटेगा एमपी का यह जिला! बनेंगी 4 नई तहसीलें, सीएम मोहन यादव ने दिया सुझाव सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के अनुसार नई व्यवस्था में मंत्रियों को प्रस्ताव ऑनलाइन भेजे जाएंगे। नए साल में यह नवाचार करने राष्ट्रीय सूचना केंद्र यानि एनआइसी द्वारा राज्य सरकार के लिए खास पोर्टल बना दिया गया है।
यह भी पढ़ें: कई टुकड़ों में बंटेगा एमपी का यह जिला! बनेंगी 4 नई तहसीलें, सीएम मोहन यादव ने दिया सुझाव पोर्टल के इस्तेमाल के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया जा चुका है। राज्य सरकार के 28 विभागों के उप सचिवों, अवर सचिवों सहित कर्मचारियों को भी दिसंबर में ट्रेनिंग दी गई। अब केबिनेट के सदस्यों के पर्सनल स्टाफ, सचिवों, सहायकों को भी ट्रेंड किया जा रहा है।
ई-कैबिनेट बैठक में शुरुआत में प्रस्ताव और अन्य दस्तावेजों की हार्ड कापी भी रहेगी लेकिन बाद में पूरी तरह पेपर लैस व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। गौरतलब है कि उत्तराखंड में करीब चार साल पहले ई केबिनेट बैठक हो चुकी है। अब इसे एमपी में लागू किया जाएगा।
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ई-कैबिनेट के लिए मंत्रियों को टेबलेट दिए जाएंगे। प्रस्ताव ऑनलाइन भेजे जाएंगे और प्रशासनिक अनुमोदन व अन्य सभी प्रक्रियाएं भी ऑनलाइन ही होंगी। किसी कारणवश बैठक में उपस्थित नहीं होने की स्थिति में मंत्री या अधिकारी कहीं से भी इससे वर्चुअली जुड़ सकेंगे।
ई-कैबिनेट के लिए मंत्रियों को टेबलेट दिए जाएंगे। प्रस्ताव ऑनलाइन भेजे जाएंगे और प्रशासनिक अनुमोदन व अन्य सभी प्रक्रियाएं भी ऑनलाइन ही होंगी। किसी कारणवश बैठक में उपस्थित नहीं होने की स्थिति में मंत्री या अधिकारी कहीं से भी इससे वर्चुअली जुड़ सकेंगे।