सरिये के दामों में लगातार गिरावट इसलिए आ रही है, क्योंकि सरकार द्वारा स्टील पर हाल ही में एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई है। ऐसे में भारतीय स्टील की बिक्री विदेशों में घटने से देश में इसकी आपूर्ति बढ़ी है और घरेलू बाजार में स्टील उत्पादों के दामों में भी गिरावट आ रही है। मध्य प्रदेश के एक्सपर्ट्स का मानना है कि, जैसे जैसे सरिये की आपूर्ति होती जाएगी, इसके दामों में गिरावट आगे और भी बढ़ती जाएगी। जानकारों ने सरिये के दामों में करीब पांच हजार रुपए की अतिरिक्त कमी आने का अनुमान जताया है।
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इतना सस्ता हो गया है सरिया
सरिये के दामों में आने वाली गिरावट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, अप्रैल में एक समय सरिया का खुदरा भाव 82 हजार रुपये प्रति टन तक पहुंच गया था, जो अभी कम घटते घटते 62-63 हजार रुपए प्रति टन पर आ पहुंचा है। ब्रांडेड सरिये का भाव भी पिछले कुछ महीने में 5-6 हजार रुपये क्विंटल कम हो चुके हैं। अभी ब्रांडेड सरिये का भाव भी कम होकर 92-93 हजार रुपए प्रति टन पर आ पहुंचा है। वहीं, एक माह पहले ही इसका भाव 98 हजार रुपए प्रति टन पर था।
सरकार का एक्शन और मौसम बन रहा दाम गिरने की अहम वजह
सरकार ने आसमान छूती महंगाई को कम करने के लिए डीजल और पेट्रोल पर टैक्स घटाया है। साथ ही, एक्सपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी की है, ताकि घरेलू बाजार में स्टील की कीमतें नियंत्रित की जा सकें। दामों में कमी आने का ये तो सरकारी फैक्टर हैं। इसके साथ ही, बारिश का मौसम शुरू होते ही निर्माण कार्यों में कमी आने लगती है, जिससे बिल्डिंग मटीरियल्स की डिमांड खुद ब खुद घटने लगती है। मार्केट में जैसे ही डिमांड गायब होती है, सरिया समेत अन्य बिल्डिंग मटीरियल के दाम खुद ब खुद गिर जाते हैं।
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सरिया की खुदरा कीमत (रुपये प्रति टन)
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