उनका कहना है क्योंकि बजट महिला वित्तमंत्री पेश कर रही हैं, ऐसे में निश्चित रूप से महिलाओं के हितों का ध्यान रखा गया होगा। वित्तमंत्री के बजट में किचन की महंगाई कम होने से लेकर इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव होगा।
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गृहिणियों को सौगात मिलेगी, ऐसी उम्मीद की जा रही है। परिवारों को और अधिक बचत करने के लिए टैक्स में राहत व प्रोत्साहन की घोषणा की जा सकती है। वित्त वर्ष 2014 में जीडीपी का 32.1 फीसदी हिस्सा बचत खाते में था, वहीं वित्त वर्ष 2018 में यह 30.5 फीसदी के आसपास रहा।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से उम्मीद लगा रहे हैं कि निश्चित रूप से वे गृहिणियों को सौगात देंगी। हमारे किचन का बजट नहीं गड़बड़ाएगा। इसी तरह से इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
– सोमा जैन, सामाजिक कार्यकर्ता
बजट में बिजनेस ग्रोथ के उपायों पर घोषणा होनी चाहिए। 10 लाख पर 30 प्रतिशत का टैक्स स्लैब कम होना चाहिए। सभी टैक्सपेयर्स के लिए छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए की जा सकती है।
– संध्या अग्रवाल, प्रो. श्रीजी मल्टीनेट
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उम्मीद है कि उद्योगों के हालातों को ध्यान में रखते हुए बैंकों की ब्याज दरें कम करेंगी। महिलाएं सेविंग पर ज्यादा ध्यान देती हंै। इसलिए बजट में सेविंग और एफडी पर ब्याज दरों पर विशेष ध्यान दिया गया होगा।
– सोनाली तिवारी, सीईओ,परिधि इंडस्ट्रीज
बजट में सैलरी वूमन के लिए ऐसी घोषणाएं होनी चाहिए जिससे सेविंग को बढ़ावा मिल सके। साथ ही स्टार्टअप के लिए भी एडिशनल बेेनिफिट दिया जाना चाहिए। यही उम्मीद बजट से की जा रही है।
– ज्योति चौहान, चार्टर्ड एकाउंटेंट
हर बार बजट में इकोनॉमिक डवलपमेंट पर ज्यादा फोकस होता है और सोशल पर कम ध्यान दिया जाता है। सरकार को एजुकेशन और हेल्थ केयर पर और ज्यादा फोकस करने की जरूरत है।
– निर्मला बुच, रिटायर्ड आइएएस और समाजसेवी
सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं और सैलरी हो तो डॉक्टर आएंगे। गृहिणी के तौर पर लगता है कि दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स की छूट ज्यादा मिलनी चाहिए, भले ही लग्जरी टैक्स बढ़ाना पड़े।
– डॉ. नीलिमा अग्रवाल, स्त्री रोग विशेषज्ञ