प्रतिदिन 40 से 50 लोग राशन कार्ड की विंडो से लौट रहे हैं। दरअसल सरकार बदलने से पहले राशन कार्ड के सर्वे का काम अलग-अलग वार्ड के भाजपा के कुछ पार्षदों के माध्यम से चलता था। लेकिन कांग्रेस की सरकार आते ही स्थिति बदल गई।
पार्षदों ने रुची कम दिखाई और कांग्रेस के कुछ पार्षद सक्रिय हो गए। एेसे में पुरानी सर्वे की सूचियां कहां गईं पता ही नहीं है। नई सर्वे की सूची एसडीएम कार्यालयों में तैयार कराई जा रही हैं। पुरानी सूची के हितग्राही को ये कहकर कलेक्टोरेट से लौटाया जा रहा है कि रिपोर्ट अप्राप्त है। उपभोक्ता अधिकारी से मिलता है तो भी उसे राहत नहीं मिल रही है।
गोविंदपुरा एसडीएम के यहां काफी लोगों की सर्वे सूची दबी पड़ी है। जब भी लोग मिलने जाते हैं तो उन्हें सिर्फ चंद कर्मचारी ही मिलते हैं। अधिकारी तो मिलते ही नहीं। इस मामले में एसडीएम गोविंदपुरा मनोज उपाध्याय का कहना है कि जो भी लोग हैं जिनकी रिपोर्ट नहीं आई है, वे दफ्तर आकर सीधे उनसे मिल सकते हैं।