दवाई नहीं लेने से जीवन का खतरा
चूंकि बीपी, शुगर और हार्ट के मरीजों को रोज दवाई लेना जरूरी होता है, दवाई लेने में गेप करने से गंभीर समस्या हो सकती है, अगर आप बीच में अचानक दवाई लेना बंद करते हैं, तो आपका जीवन भी खतरे में पड़ सकता है, इसलिए जिस व्यक्ति को बीपी, शुगर या हार्ट की दवाई एक बार शुरू हो जाती है, तो उसे हमेशा खाना पड़ती है, चूंकि अधिकतर लोग सीधे एक माह की दवाई ले आते हैं और जब वह बिल्कुल खत्म हो जाती है, तब लेने पहुंचते हैं, अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं, तो सावधान हो जाईये, क्योंकि अस्पताल में दवाईयां नहीं मिल रही है। इसलिए जरूरी दवाईयां भले ही मेडिकल से ले लें, लेकिन समय पर जरूर लें। ताकि आपका ब्लड प्रेशर, शुगर आदि स्थिति कंट्रोल में रहे।
नगर के शासकीय सिविल अस्पताल में उपचार के लिए जाने वाले कई मरीज इन दिनों अपनी बीमारियों का सुलभ उपचार नहीं मिल पाने के कारण परेशान है। यहां आने वाले कई मरीजों को या तो बाजार से महंगी दवाएं खरीद कर अपना उपचार करवाना पड़ रहा है या फिर उपचार के लिए फिलहाल इंतजार करना पड़ रहा है।
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दरअसल, सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ में इन दिनों कई प्रकार की जीवन रक्षक और जरूरी दवाइंयों की कमी है। हालत यह है की जरूरी दवाइयां नहीं होने के कारण कई बार तो अस्पताल में संचालित सरदार वल्लभ भाई पटेल औषधि वितरण का काउंटर बंद पड़ा रहता है। इसके बावजूद अस्पताल के डॉक्टर उन्हीं दवाइयों का मरीज के पर्चे में लिख रहे हैं। ऐसे में मरीजों को मजबूरन ये दवाइयां बाजार से खरीदकर अपना उपचार करना पड़ रहा है। अस्पताल में दवाइयों की इसी कमी की जानकारी देते हुए सांसद प्रतिनिधि नरेन्द्र शर्मा ने बताया कि अस्पताल में बेहद जरूरी श्रेणी में आने वाली बीपी (रक्तचाप) की दवाई ही नहीं मिल पा रही। उन्होंने बताया कि टेल्मीसार्टन 40 एमजी की दवाई अस्पताल में नहीं है। यह दवाई हार्ट अटैक, हाई बीपी के मरीजों के लिए बेहद उपयोगी है। डाक्टरों द्वारा यह दवाई मरीजों को लिखी जा रही है, लेकिन काउंटर पर नहीं मिलने कारण मरीजों को उसे बाहर की निजी दुकानों से लेना पड़ रहा है।