गोल्ड लाना है लक्ष्य – वंदना ठाकुर
इस जीत के बाद वंदना ने कहा कि ‘मैं अपने देश के लिए कुछ कर पाई, यह मेरे लिए गर्व का क्षण है। यह जीत मेरे कोच, मेरे परिवार और मेरे सभी समर्थकों की मेहनत और विश्वास का परिणाम है।’ उन्होंने कहा कि ‘जब मैं मंच पर खड़ी थी और कांस्य पदक ले रही थी तब मैंने हर उस पल को महसूस किया जिसे मैंने न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से भी बहुत कठिनाइयों से जूझते हुए पार किया। अब मुझे देश के लिए गोल्ड लाने के लिए कड़ी मेहनत करना है, यही मेरा एकमात्र लक्ष्य है।’ यह भी पढ़े – ‘पहले राष्ट्र, फिर कास्ट’…राहुल पर जमकर बरसे शिवराज, बोले- कितना बांटोगे भाई?
16 साल की उम्र में हट गया था माता-पिता का साया
बता दें कि, बॉडी बिल्डर वंदना ठाकुर का जीवन बेहद कठनाई भरा था। उनके पिता कमल सेन ठाकुर फौज में सूबेदार थे जिनका निधन तब हुआ जब वह 13 साल की थी। इसके 3 साल के बाद कैंसर की वजह से उनकी मां ज्योत्सना का भी देहांत हो गया था। इसके बाद उन्होंने इंदौर में एक गोली- बिस्किट की छोटी दुकान खोली और आगे चलकर अगरबत्ती भी बनाई। वह अपने पिता की तरह देश के लिए के लिए कुछ करना चाहती थी इसलिए उन्होंने स्पोर्ट्स का रास्ता चुना। उन्होंने क्रिकेट में हाथ आजमाया लेकिन वहां से उन्हें ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने अपने कोच अतिन तिवारी के साथ पावर लिफ्टिंग शुरू की और बॉडी बिल्डिंग करनी शुरू की। वंदना ने वर्ल्ड पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में भी भारत के लिए गोल्ड मैडल जितने के अलावा और भी कई प्रतियोगिताओं में मैडल जीता है लेकिन उनका संघर्ष अभी भी जारी है।