पढ़ें ये खास खबर- मध्य प्रदेश में इन जिलों को छोड़कर 17 मई के बाद भी नहीं खुलेगा कोरोना कर्फ्यू, सीएम शिवराज ने दिए संकेत
हमीदिया में 2 घंटे पड़ा रहा मरीज, किसी ने नहीं देखा
बताया जा रहा है कि, सुदिति अस्पताल में जान गवाने वाले कमलेश कुमार को इलाज के लिये राजगढ़ से भोपाल लाया गया था, जो पिछले दिनों कोरोना संक्रमण का शिकार हुए थे। राजगढ़ में ही डॉक्टरों की जांच में सामने आया कि, कमलेश ब्लैक फंगस से ग्रस्त हैं। इसके बाद परिजन बुधवार को उसे भोपाल के हमीदिया अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां उन्हें दो घंटे सिर्फ ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया, जबकि इस दौरान उन्हें किसी डॉक्टर ने देखा तक नहीं, इसी पर मायूस होकर परिजन अपने मरीज को सुदिति अस्पताल ले आए।अस्पताल संचालक डॉ. अनिल गर्ग ने बताया कि, मरीज को यहां बेहोशी की हालत में लाया गया था। उसे बचाने की हर संभव कोशिश की गई, लेकिन उनकी शारिरिक स्थिति बेहद खराब होने के चलते गुरुवार को उन्होंने दम तोड़ दिया।
पढ़ें ये खास खबर- अब 31 मई तक बढ़ी परीक्षा फॉर्म भरने की तारीख, बिना लेट फीस दिए छात्र दे सकेंगे एग्जाम
रिकॉर्ड नहीं मिला, मेडिकल स्टोर किया सील
इधर, ब्लैक फंगस के मामलों में अचानक तेजी आ जाने के कारण संक्रमण के इलाज स्वरूप इस्तेमाल में आने वाले इंजेक्शनों की भी कालाबाजारी के मामले सामने आने लगे हैं। इसी के चलते शुक्रवार को ड्रग इंस्पेक्टर केएल अग्रवाल ने पुलिस के साथ मेसर्स दवावाला मेडिकोज पर छापामारी कर संबंधित इंजेक्शन की जांच की। टीम को जांच में ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल होने वाले 6 लाइपोजोमल एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन मिले। हालांकि, इन इंजेक्शनों का मेडिकल के रिकॉर्ड में कहीं जिक्र नहीं था। इसपर टीम ने मेसर्स दवा वाला के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए स्टोर सील कर दिया है। साथ ही, स्टोर संचालक गौतम पाल के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि, आरोपी के मेडिकल स्टोर संचालन का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।
कोरोना वैक्सीन से जुड़े हर सवाल का जवाब – जानें इस वीडियो में