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भोपाल

घंटो लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिल रहे इंजेक्शन, कैसे हो इलाज ?

निजी अस्पतालों के 150 मरीजों को 580 डोज रोज चाहिए, लेकिन एक मरीज को एक या दो इंजेक्शन ही मिल पा रहे हैं…

भोपालMay 30, 2021 / 06:36 pm

Astha Awasthi

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Black fungus

भोपाल। शहर में रेमडेसिवर इंजेक्शन की किल्लत कम हुई तो निजी अस्पतालों में भर्ती ब्लैक फंगस के 150 मरीजों के सामने नया संकट है। करीब एक महीना होने के बावजूद उन्हें लाइपोसेमल एम्फोटेरेसिन बी इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। ये बाजार से गायब है। ब्लैक फंगस के एक मरीज को एक दिन में चार डोज लगता है। यानी निजी अस्पतालों के 150 मरीजों को 580 डोज रोज चाहिए, लेकिन घंटो लाइन में लगने के बाद एक मरीज को एक या दो इंजेक्शन ही मिल पा रहे हैं।

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गांधी मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन के बाद मरीजों पोसापोनाजोल टेबलेट दी जा रही हैं। दरअसल निजी अस्पतालों के मरीजों को अस्पताल के पर्चे पर जीएमसी डीन की अप्रूवल के बाद स्टॉकिस्ट से इंजेक्शन मिलता है।

ये आसान नहीं

शहर के पंकज मालवीय की मां 17 दिन से एम्स में हैं। डॉक्टर ने 60 इंजेक्शन की व्यवस्था को कहा है। वह रोज एम्स से पर्चा लेकर जीएमसी जाते और अप्रूवल लेकर बाग सेवनिया स्थित स्टॉकिस्ट से दवा लेने के बाद फिर एम्स आते हैं। ऐसे वह 16 दिन में 400 किमी का चक्कर लगा चुके हैं।

कहां कितने मरीज

हमीदिया अस्पताल- 135

एम्स-38

बंसल अस्पताल-36

जैनमश्री अस्पताल-26

नर्मदा अस्पताल- 03

पालीवाल अस्पताल- 03

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