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ICMR की ओर से जारी गाईडलाइन में ब्लैक फंगल इंफेक्शन के प्रति रोकथाम जारी की है।
आंखों पर पड़ रहा घातक प्रभाव
ICMR द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक, इस संक्रमण के भी काफी घातक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इनमें से एक मरीज की आंख और दूसरे के जबड़े की सर्जरी तक करनी पड़ी है। इंदाैर में भी पिछले एक सप्ताह के भीतर ही ब्लैक फंगस के 11 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से दो लोगों की आंखों पर तो इस इंफेक्शन का इतना घातक प्रभाव हुआ है कि, सोमवार की दोपहर तक सर्जरी कर उनकी आंखें निकालनी पड़ेंगी, ताकि संक्रमण शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित न कर सके।
10 में से 7 लोग हो चुके थे कोविड से रिकवर
भाेपाल एम्स के डेंटिस्ट्री डिपार्टमेंट के एसाेसिएट प्राेफेसर डाॅ. अंशुल राय के मुताबिक, ब्लैक फंगस इंफेक्शन राइजाेफस और म्यूकर नाम की फंगस के शरीर में पहुंचने से उत्पन्न होता है। यह नाक और मुंह के रास्ते छाेटे-छाेटे कणों (स्पाेर) के रूप में शरीर में प्रवेश करता है। संक्रमण की शुरुआत सायनस से हाेती है, जाे समय रहते इलाज नहीं मिलने पर दिमाग को भी प्रभावित कर लेता है।डॉ. राय के अनुसार, बीते 10 दिनों के भीतर ही काेविड पाॅजिटिव 3 और काेविड से रिकवर हो चुके 7 मरीजाें में ब्लैक फंगस इंफेक्शन की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से भोपाल में एक मरीज के जबड़े की सर्जरी कर उसे अलग करना पड़ा।
कहां कितने मरीज
शहर में कहां भर्ती हैं कितने इंफेक्टेड वहीं, बात करें भोपाल में अब तक कुल 50 लोगों में ब्लैक फंगल इंफेक्शन की पुष्टि हो चुकी है। इनमें डेनीशिया डेंटल हाॅस्पिटल में 21, बंसल हाॅस्पिटल मेंं 12, हमीदिया अस्पताल में 4, नाेबल हाॅस्पिटल में 4, एम्स अस्पताल में 7 और पॉलीवाल अस्पताल में 2 लोगों की पुष्टि हुई है।