चुनाव प्रचार में नेता भूले गैस त्रासदी का मुद्दा
विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित वैसे ही खड़े है।34 साल के बाद भी कोई सरकार अब तक इन पर मरहम नहीं लगा पाई। पीड़ित मुआवज़ा समेत बुनियादी सुविधाओं के लिए लड़ाई लड़ रहे। नेताओं के चुनावी वादों से इस बार भी इनके मुद्दे वक्त के साथ भूला दिए गए। त्रासदी की मार झेल रहे सैकड़ों मरीज आज भी अस्पताल की दवा के बल पर इस उम्मीद में अपनी जिंदगी काट रहें ताकि आने वाले समय में उनकी मांग पूरी हो सके।
भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग के संयोजक अब्दुल जब्बार का कहना है कि चुनाव के दौरान कांग्रेस भाजपा को कई बार पिटिशन भेजे लेकिन अब तक इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
दिशा नहीं बता पाएंगी प्रज्ञा सिंह ठाकुर
भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर को लेकर जब्बार ने कहा कि यूनियन कार्बाइड कहां है वो दिशा नहीं बता पाएंगी हमारे शिवराज चौहान को 26000 मेमोरेंडम हमने दिये वो कहां गये हमें मालूम नहीं। हालांकि दोनों राजनीतिक दल कहते हैं, हम पीड़ितों को भूले नहीं है वैसे उनके हालात के लिये वो अपने नहीं दूसरे के राज को ज़िम्मेदार ठहराते हैं।
34 साल बाद भी जख्म हैं हरे…
2-3 दिसंबर 1984: कीटनाशक बनाने वाली यूनियन कार्बाइड से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस रिसी। 4 दिसंबर को एफआइआर।
1 दिसंबर 1987: सीबीआई ने यूनियन कार्बाइड चेयरमैन वॉरेन एंडरसन व कंपनी के 11 अफसरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
9 फरवरी 1989: एंडरसन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी।
14-15 फरवरी 1989: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत सरकार और यूनियन कार्बाइड के बीच सहमति बनी। यूका मुआवजे के तौर पर 470 मिलियन डॉलर देने को तैयार हुई, लेकिन इसके बदले कंपनी के मुखिया और अन्य पर लगाए गए सभी चार्ज वापस लेने थे। विरोध देख सुप्रीम कोर्ट ने ये पेशकश अमान्य कर दी।
5 अप्रैल 1993: गैस पीडि़त संगठनों द्वारा केंद्र सरकार से अंतरिम मुआवजा, आर्थिक पुनर्वास और चिकित्सा सहायता की मांग।
फरवरी 2001: यूका और डाउ केमिकल कंपनियों का विलय। डाउ ने उत्तरदायित्व वहन करने से इनकार किया। विरोध के बाद 2002 में डाउ ने कदम पीछे खींचे।
30 सितंबर 2002: पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट देहरादून ने अध्ययन के बाद बताया कि कई क्षेत्रों के पेयजल में पारा है।
19 जुलाई 2004- सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि गैस पीडि़तों को यूका से मिले क्षतिपूर्ति के 1503 करोड़ रुपए वितरित करें।
7 जून, 2010- भोपाल जिला अदालत ने आरोपियों को दो-दो साल की सजा सुनाई, सभी आरोपी जमानत पर रिहा भी कर दिए गए।
20 जून 2010- गैस पीडि़त संगठन के अब्दुल जब्बार और एड. शहनवाज खान ने एंडरसन को फरार कराने के मामले में तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह व एसपी स्वराज पुरी के खिलाफ अदालत में इस्तगासा पेश किया।
29 सितंबर 2014- भोपाल गैस कांड के मुख्य आरोपी वॉरेन एंडरसन की अमेरिका में मौत ।