दरअसल, दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग ISI से चंदा ले रहे हैं। इस पर थोड़ा ध्यान दीजिएगा। उन्होंने कहा कि एक बात और बताऊं कि पाकिस्तान के ISI के लिए जासूसी मुसलमान कम और गैर मुसलमान ज्यादा कर रहे हैं। इस बात को आप समझ लीजिए। दिग्विजय सिंह का बयान जैसे ही सामने आया, उसके बाद बीजेपी ने फिर से इसे हिंदू आतंकवाद के मुद्दे से जोड़ कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है।
शिवराज सिंह ने किया पलटवार
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वह न्यूज में बने रहने के लिए देते हैं विवादित बयान। दिग्विजय सिंह और उनके नेता पाकिस्तान की भाषा में बात करते हैं। पाकिस्तान ने राहुल गांधी के बयान को यूएन में कोट भी किया है। बीजेपी और आरएसएस के लोगों को देशभक्ति की सबूत देने की जरूरत नहीं है। सबलोग जानते हैं।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वह न्यूज में बने रहने के लिए देते हैं विवादित बयान। दिग्विजय सिंह और उनके नेता पाकिस्तान की भाषा में बात करते हैं। पाकिस्तान ने राहुल गांधी के बयान को यूएन में कोट भी किया है। बीजेपी और आरएसएस के लोगों को देशभक्ति की सबूत देने की जरूरत नहीं है। सबलोग जानते हैं।
विवादों में फंसे दिग्विजय की सफाई
दिग्विजय सिंह के इस बयान पर सुबह से सियासत गरम है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि कुछ चैनल चला रहे हैं कि मैंने भाजपा पर यह आरोप लगाया है कि वे ISI से पैसा लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हैं। यह पूरी तरह से गलत है। आगे उन्होंने लिखा कि बजरंग दल और भाजपा के आईटी सेल के पदाधिकारी द्वारा ISI से पैसे लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए मध्यप्रदेश पुलिस ने पकड़ा है। मैंने यह आरोप लगाया है जिस पर मैं आज भी कायम हूं। चैनल वाले ये सवाल भाजपा से क्यों नहीं पूछते।
दिग्विजय सिंह के इस बयान पर सुबह से सियासत गरम है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि कुछ चैनल चला रहे हैं कि मैंने भाजपा पर यह आरोप लगाया है कि वे ISI से पैसा लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हैं। यह पूरी तरह से गलत है। आगे उन्होंने लिखा कि बजरंग दल और भाजपा के आईटी सेल के पदाधिकारी द्वारा ISI से पैसे लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए मध्यप्रदेश पुलिस ने पकड़ा है। मैंने यह आरोप लगाया है जिस पर मैं आज भी कायम हूं। चैनल वाले ये सवाल भाजपा से क्यों नहीं पूछते।
सिर्फ दोस्त ने दिया साथ
दिग्विजय सिंह का यह बयान कांग्रेस की सेहत के लिए नुकसान देह है। पार्टी इस पचड़े में फंसना नहीं चाहती। कांग्रेस जानती है कि अगामी चुनावों में इस बयान की कीमत चुकानी होगी। इसलिए सब खामोश हैं। प्रतिक्रिया सिर्फ लखनऊ से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे और दिग्विजय सिंह के करीबी आचार्या प्रमोद कृष्णन का एक ट्वीट आया है। उन्होंने लिखा कि दिग्विजय सिंह का यह आरोप बेहद गंभीर और राष्ट्रीय सुरक्षा के जुड़ा हुआ है, आरएसएस, बजरंग दल और बीजेपी के लोग ISI से पैसा लेते हैं। भारत सरकार को इन सभी संगठनों की जांच एनआईए द्वारा करवा कर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
दिग्विजय सिंह का यह बयान कांग्रेस की सेहत के लिए नुकसान देह है। पार्टी इस पचड़े में फंसना नहीं चाहती। कांग्रेस जानती है कि अगामी चुनावों में इस बयान की कीमत चुकानी होगी। इसलिए सब खामोश हैं। प्रतिक्रिया सिर्फ लखनऊ से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे और दिग्विजय सिंह के करीबी आचार्या प्रमोद कृष्णन का एक ट्वीट आया है। उन्होंने लिखा कि दिग्विजय सिंह का यह आरोप बेहद गंभीर और राष्ट्रीय सुरक्षा के जुड़ा हुआ है, आरएसएस, बजरंग दल और बीजेपी के लोग ISI से पैसा लेते हैं। भारत सरकार को इन सभी संगठनों की जांच एनआईए द्वारा करवा कर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
लोकसभा चुनाव में आत्मघाती साबित हुए दिग्विजय के बयान
दिग्गी राजा के बयान कांग्रेस के लिए हमेशा से खुद की पैर कुल्हाड़ी मारने वाले ही साबित हुए। यानी कह सकते हैं कि ये आत्मघाती कदम ही साबित हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी राष्ट्रवाद के साथ-साथ सबसे मुखर रूप से हिंदू आतंकवाद के मुद्दे को उठाया है। बीजेपी पूरे देश में इस मुद्दे को उठाया। साथ ही दिग्विजय सिंह को इस शब्द का जनक बताती रही। दिग्विजय सिंह ने ही मालेगांव ब्लास्ट के बाद हिंदू आतंकवाद की बात कही थी।
साध्वी को उतार यही दिया तर्क
दिग्विजय सिंह के खिलाफ मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने यह तर्क दिया कि हिंदू आतंकवाद की बात करने वाले को जवाब देने के लिए साध्वी को उम्मीदवार बनाया हूं। यही नहीं प्रधानमंत्री ने भी साध्वी की उम्मीदवारी पर यही पक्ष रखा था। चुनावों के दौरान बीजेपी दिग्विजय सिंह को हिंदू आतंकवाद के नाम पर ही घेर रही थी। शायद यही वजह है कि उनसे पूरे चुनाव के दौरान कांग्रेस के दिग्गज नेता दूरी बनाए रखा। कोई भी राष्ट्रीय नेता उनके वोट मांगने नहीं आया।
दिग्विजय सिंह के खिलाफ मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने यह तर्क दिया कि हिंदू आतंकवाद की बात करने वाले को जवाब देने के लिए साध्वी को उम्मीदवार बनाया हूं। यही नहीं प्रधानमंत्री ने भी साध्वी की उम्मीदवारी पर यही पक्ष रखा था। चुनावों के दौरान बीजेपी दिग्विजय सिंह को हिंदू आतंकवाद के नाम पर ही घेर रही थी। शायद यही वजह है कि उनसे पूरे चुनाव के दौरान कांग्रेस के दिग्गज नेता दूरी बनाए रखा। कोई भी राष्ट्रीय नेता उनके वोट मांगने नहीं आया।
जाकिर नाईक के साथ संबंध को लेकर भी घिरे
इस्लामिक स्कॉलर और भड़काऊ भाषण देने वाले जाकिर नाईक के साथ संबंधों को लेकर भी विरोधियों के निशाने पर दिग्विजय सिंह रहे हैं। कुछ साल पहले दिग्विजय सिंह उसके साथ मंच साझा किया था। विवादों में फंसने के बाद दिग्विजय सिंह ने उस पर सफाई भी दी थी। वहीं, लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने भी श्रीलंका हमलों के बाद सुर्खियों में आए जाकिर नाईक के साथ दिग्विजय सिंह का रिश्ता जोड़ा था। कहा था कि जाकिर नाईक के दोस्त हैं दिग्गी राजा।
इस्लामिक स्कॉलर और भड़काऊ भाषण देने वाले जाकिर नाईक के साथ संबंधों को लेकर भी विरोधियों के निशाने पर दिग्विजय सिंह रहे हैं। कुछ साल पहले दिग्विजय सिंह उसके साथ मंच साझा किया था। विवादों में फंसने के बाद दिग्विजय सिंह ने उस पर सफाई भी दी थी। वहीं, लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने भी श्रीलंका हमलों के बाद सुर्खियों में आए जाकिर नाईक के साथ दिग्विजय सिंह का रिश्ता जोड़ा था। कहा था कि जाकिर नाईक के दोस्त हैं दिग्गी राजा।
लादेन को कहा था जी
कांग्रेस के लिए अपने बयानों से दिग्विजय सिंह ने कई बार मुश्किलें बढ़ाई हैं। उन्होंने कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन को ओसमाजी कहा था। उस पर भी खूब विवाद हुआ था। दिग्विजय सिंह के सारे बयान बीजेपी के लिए हमेशा संजीवनी बूटी साबित होती है और कांग्रेस के लिए नुकसानदेह।
कांग्रेस के लिए अपने बयानों से दिग्विजय सिंह ने कई बार मुश्किलें बढ़ाई हैं। उन्होंने कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन को ओसमाजी कहा था। उस पर भी खूब विवाद हुआ था। दिग्विजय सिंह के सारे बयान बीजेपी के लिए हमेशा संजीवनी बूटी साबित होती है और कांग्रेस के लिए नुकसानदेह।
जाहिर है दिग्विजय सिंह का यह बयान कांग्रेस के लिए फिर से बाकी बयानों की तरह ही है। तीन महीने बाद ही देश के चार राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। बीजेपी फिर से दिग्विजय सिंह के इस बयान को भूनाने की कोशिश करेगी। फिलहाल दिग्विजय सिंह इस बयान पर कायम हैं। लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप रहना ही बेहतर समझ रही है।