एक्शन में अमित शाह
मध्यप्रदेश में जो कुछ भी हुआ पार्टी नेतृत्व उससे बिलकुल हैरान थी। क्योंकि पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को इसके बारे में भनक तक नहीं थी। प्रदेश के नेता ऐसा भी नहीं था कि इन चीजों से अनजान थे। लेकिन विधायकों की बात सुनने कोई तैयार नहीं था। सूत्र बता रहे हैं कि मध्यप्रदेश के कुछ नेताओं ने पार्टी आलाकमान से भी इसकी शिकायत की है। उसके बाद ही अमित शाह एक्टिव हुए हैं।
बीजेपी में लगी आग को बुझाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय नेतृत्व ने ले ली है। मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा को दिल्ली तलब किया गया है। बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह से इन नेताओं की मुलाकात होगी। शिवराज गुरुवार को ही मिल चुके हैं। शुक्रवार को वह यूपी में सदस्यता अभियान के कार्यक्रम को लेकर गोरखपुर में थे।
मध्यप्रदेश बीजेपी में जो कुछ भी हुआ है, उसे लेकर अब संगठन के अंदर से ही आवाज उठने लगे हैं। पूर्व राज्यसभा सदस्य रघुनंदन शर्मा ने कहा कि बुधवार को जो हुआ उससे भाजपा संगठन को कितनी क्षति हुआ है, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। कौन लाया था इन दलबदलू नेताओं को। शर्मा ने आरोप लगाया कि कुछ पार्टी के नेताओं ने अपना प्रभुत्व जमाने के लिए निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की और दूसरी पार्टी से ऐसे लोगों को लेकर आए, जिनका संगठन के सिद्धांत से लेना-देना नहीं था। आखिरकार यह तो होना ही था।
अभी तक बीजेपी के दो विधायकों की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है। लेकिन कहा जा रहा है कि कई विधायक नाराज हैं। शिवराज सिंह के सामने बुधवार को कई विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। विधायकों ने कहा था कि वे हमारी बातों को सुनते ही नहीं हैं। साथ ही गोपाल भार्गव के ऊपर ये भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन्होंने वोटिंग से पहले सदन में व्हिप क्यों जारी नहीं की।