भोपाल

इस शहर में तीसरी लहर की बड़ी तैयारी, 250 अस्पतालों में 8 लाख लोगों का हो सकेगा इलाज

मजबूत किया मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर, अमेरिका—इंग्लैंड की तरह यहां भी 333 लोगों पर एक बेड

भोपालNov 09, 2021 / 01:09 pm

deepak deewan

भोपाल. देश—दुनिया की तरह मध्यप्रदेश में भी कोरोना ने कहर मचाया. संक्रमण के दौरान हमने बहुत कुछ खोया। दूसरी लहर में अपनों को दम तोड़ते, ऑक्सीजन और बेड के लिए परेशान होते मरीजों को भी देखा। लेकिन, इससे कई सबक भी मिले। अब कोरोना की तीसरी लहर से मुकाबले के लिए भोपाल शहर का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद मजबूत कर लिया गया है।

यहां के अस्पतालों में 6 हजार से ज्यादा बेड का इंतजाम हो चुका है। जिले की आबादी 20 लाख के हिसाब से शहर में अब 333 लोगों पर एक बेड उपलब्ध है। यानी डब्ल्यूएचओ के मानकों अनुसार अमेरिका, इंग्लैंड की तरह ही भोपाल में भी प्रति एक हजार की आबादी पर तीन बेड मौजूद हैं। यही नहीं 250 से ज्यादा छोटे-बड़े अस्पतालों में हर साल 8 लाख लोगों के इलाज की क्षमता है।

अब हर बेड पर मिलेगी प्राणवायु
भोपाल में ऑक्सीजन के 15 प्लांट अलग-अलग अस्पतालों में लगभग तैयार हो चुके हैं। इनकी क्षमता 16 से 20 मीट्रिक टन प्रतिदिन है। इसके साथ ही 180 मीट्रिक ऑक्सीजन की स्टोरेज की क्षमता विकसित कर ली गई है और 100 मीट्रिक टन आइनॉक्स द्वारा ऑक्सीजन सप्लाई दे सकती है।

निरीक्षण कर हस्तांतरण की प्रक्रिया बढ़ेगी
हमीदिया अस्पताल में अस्पताल टू यानी 791 बिस्तरों की क्षमता का अस्पताल बनकर तैयार हो चुका है। निर्माण एजेंसी पीआईयू ने गांधी मेडिकल कॉलेज को पत्र लिखकर भवन के हस्तांतरण के लिए कहा है। मालूम हो कि इस अस्पताल के निर्माण की गाइडलाइन 11 बार बढ़ चुकी है। मंगलवार को गांधी मेडिकल कॉलेज के अधिकारी अस्पताल का निरीक्षण कर हस्तांतरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।

जेपी अस्पताल के पूर्व अधीक्षक, डॉ. एसके सक्सेना कहते हैं कि शहर में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हुआ है, लेकिन अब भी विशेषज्ञ उपचार के लिए दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों पर निर्भरता कम नहीं हुई है। जब यह कम होगी तभी हम आत्मनिर्भर हों सकेंगे। वहीं, सरकारी अस्पतालों में वर्क कल्चर भी सुधरना जरूरी है। अभी अच्छा माहौल नहीं मिलने से डॉक्टर यहां काम करने से कतराते हैं।

हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक, डॉ. लोकेन्द्र दवे के अनुसार यहां मरीजों को अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराई जा रहीं हैं. हमारा प्रयास है कि जल्द ही नए भवन में अस्पताल में शिफ्टि हो। यहां मरीजों को आधुनिक और निजी अस्पताल से भी अच्छी सुविधा मिलेंगी। इससे मरीजों को फायदा होगा।

मिलेगा अस्पताल वन भी
पीआईयू के अधिकारियों की माने तो अस्पताल का दूसरे हिस्से अस्पताल वन का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। दिसंबर अंत तक इसे भी मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया जाएगा। अस्पताल वन में 80 बिस्तरों की क्षमता होगी।

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ये हैं सुविधाएं
250 अस्पताल और 6000 हजार बेड यानी 333 आबादी पर एक बेड
1000 की आबादी पर औसतन 3 बेड भोपाल में
4000 नर्सिग स्टाफ यानी प्रति 500 की आबादी पर 1 नर्स
1500 फार्मासिस्ट, पैरामेडिकल स्टाफ यानी प्रति 1000 की आबादी पर 1
2000 डॉक्टर यानी प्रति 1000 की आबादी पर 1 डॉक्टर

शहर में विशेषज्ञ
135 ऑर्थोपेडिक डॉक्टर
35 करीब कॉर्डियोलॉजिस्ट
75 चेस्ट फि जिशियन
150 गायनोकोलॉजिस्ट
170 पीडियाट्रिक्स

विदेशों में ऐसी है स्थिति
अमेरिका व इंग्लैंड: 1000 की आबादी पर 3 बेड
चीन: 1000 की आबादी पर 4 बेड
ब्राजील: 1000 की आबादी पर 2 बेड

देश की स्थिति
देश में 18.99 लाख बेड
1000 आबादी पर 1.4 बेड हैं देश में
700 की आबादी पर औसत 01 बेड
11.54 लाख एलोपैथी डॉक्टर
29.66 लाख नर्सं
11.25 लाख फार्मांसिस्ट उपलब्ध हैं

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