BIG NEWS: एमपी के कई नामी कॉलेजों सहित 66 कॉलेज डिफॉल्टर घोषित, MBA, BED, बीपीएड में नहीं दे सकेंगे प्रवेश, देखें पूरी लिस्ट
BIG NEWS: भोपाल की बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (BU) ने प्रदेश के 66 एमबीए, बीएड और बीपीएड कॉलेजों डिफॉल्टर घोषित करते हुए सूची जारी की, नहीं दे सकेंगे प्रवेश..।
BIG NEWS: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से बड़ी खबर है। प्रदेश के 66 कॉलेजों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया है। जो कॉलेज डिफॉल्टर घोषित किए गए हैं वो सभी एमबीए, बीएड और बीपीएड के कॉलेज हैं। भोपाल की बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी ने इन कॉलेजों को डिफॉल्टर घोषित करते हुए सूची जारी की है साथ ही ये भी बताया है कि ये सभी डिफॉल्टर कॉलेज छात्रों को अब प्रवेश नहीं दे सकेंगे।
बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी ने डिफॉल्टर कॉलेजों की सूची जारी करते हुए बताया है कि प्रदेश के 66 ऐसे एमबीए, बीएड और बीपीएड कॉलेज चिन्हित किए गए हैं, जिनके पास मूलभूत ढांचा तक मौजूद नहीं है। इनमें 38 बीएड, बीपीएड और 28 एमबीए कॉलेज शामिल हैं। बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी की आंतरिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक इन कॉलेजों में शिक्षा के मापदंडों की घोर उपेक्षा की जा रही है। निर्धारित शर्तों को भी पूरा नहीं करने पर इन सभी कॉलजों को बीयू ने डिफॉल्टर घोषित किया है। बीयू ने जिन कॉलेजों को डिफॉल्टर घोषित किया है, उसमें भोपाल जिले के कई बड़े समूह के 28 कॉलेज भी शामिल हैं।
जिन कॉलेजों को बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी ने डिफॉल्टर घोषित किया है उनकी सूची उच्च शिक्षा विभाग एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को भी सौंप दी है। जल्द ही यह सूची विश्वविद्यालय के पोर्टल पर भी अपलोड की जाएगी। बीयू ने कॉलेजों में प्रवेश को लेकर छात्रों को सतर्क किया है कि वे इन कॉलेजों में प्रवेश न लें। अब यह कॉलेज सत्र 2024-25 की प्रवेश प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकेंगे। वहीं जो कॉलेज प्रवेश दे चुके हैं। ईसी की बैठक के बाद उन छात्रों को दूसरे कॉलेजों में स्थानांनतरित किया जाएगा। बता दें कि पत्रिका ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इस संबंध में कागजों में पढ़ा रहे प्रोफेसर, बिना मापदंड चल रहे 130 एमबीए कॉलेज नामक शीषर्क से खबर भी प्रकाशित की थी।
बीयू के अधिकारियों के मुताबिक मापदंड पूरे न होने के कारण इन कॉलेजों को रि-संबंद्धता नहीं दी गई है। इन कॉलेजों को मापदंड पूरा करने के लिए समय दिया गया है। इसके बाद भी कॉलेज मापदंड पूरे नहीं करते हैं, तो कार्यपरिषद (ईसी) की बैठक के बाद कॉलेजों की संबंद्धता समाप्त की जाएगी।
प्रदेश के 275 एमबीए एवं लगभग 650 बीएड कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में यूजीसी के नियमों का सख्ती से पालन नहीं हो रहा। कॉलेजों ने अब तक कोड-28 के तहत फैकल्टी की नियुक्तियां नहीं की है। योग्य फैकल्टी के स्थान पर 10-15 हजार रुपए देकर पीजी स्टूडेंट्स को नियुक्त कर लिया जाता है। वहीं दिखाने के लिए अन्य कॉलेजों में कार्यरत प्रोफेसरों को पंजीकृत कर लिया जाता है।
बीयू ने पिछले दिनों एमबीए कॉलेजों की मॉनिटरिंग की थी। जिसमें एक एमबीए कॉलेज के स्थान पर नर्सिंग कॉलेज मिला था। यहां छात्र एवं शिक्षकों की उपस्थिति नहीं मिली। भवन का नक्शा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग के नाम पर पाया। एमबीए में प्रवेशित छात्र संख्या के अनुपात में क्लासरूम नहीं है। एक अन्य कॉलेज की लाइब्रेरी में एमबीए से संबंधित पुस्तकें नहीं मिली। संस्थान का भवन जर्जर स्थिति में पाया गया। ऐसे करीब एक दर्जन कॉलेज थे जिसमें कमी पाई गई थी।
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