फिलहाल, रेलवे प्रबंधन की ओर से बुकिंग – करंट काउंटर से लेकर इंक्वायरी सिस्टम तक की टेस्टिंग पूरी कर ली गई है। साथ ही, स्टेशन मैनेजर, कमर्शियल स्टेशन मैनेजर, हेड टीसी ऑफिस के अलावा बेबी फीडिंग रूम, फूड जोन, बच्चों के खेलने के लिए किड्स रूम, यात्रियों के लिए डिजिटल लॉकर रूम और गाइडेंस बोर्ड भी लगाए गए हैं।
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दीवारों को बौद्धकालीन सीनरी से सजाया गया, देखें वीडियो
गेट के दायीं और बाईं तरफ की दीवारों पर बौद्धकालीन सीनरी और पेंटिंग्स लगाई गई हैं। इनमें बौद्धकालीन इतिहास से जुड़ी जानकारियां प्रदर्शित की गई हैं। इसमें भोपाल के बड़े तालाब से लेकर शहर की अन्य ऐतिहासिक धरोहरों को पेंटिंग्स के माध्यम से बड़े ही सुंदर ढंग से प्रदर्शित किया गया है।
वहीं, एंट्री गेट के दाईं ओर स्टेशन मैनेजर और कमर्शियल ऑफिसर के चैंबर बनाया गया है। साथ ही, फूड जोन के लिए स्मॉल ग्लास चैंबर है। ऑफिसर्स के चेंबर के नजदीक एरिया में ही किड्स जोन और बेबी फीडिंग रूम तैयार किया गया है।
आपको बता दें कि, भोपाल रेलवे स्टेशन से रोजाना 65 हजार यात्री आवाजाही करते हैं, जिसके चलते यहां हर रोज स्पेशल समेत अन्य 145 ट्रेने यहां से गुजरती हैं। इसी के चलते नए रेलवे स्टेशन को यात्रियों की आवाजाही से जुड़ी सभी सुविधाओं से लैस बनाया गया है।
दाईं तरफ ही डिजिटल लॉकर्स रूम बनाया गया है, जिसकी शुरुआत करीब तीन महीने पहले ही की जा चुकी है। इसी के साथ सामने की वॉल पर ऊपर की तरफ पैसेंजर गाइडेंस बोर्ड भी लगाया गया है। यहां यात्रियों को स्टेशन पर मौजूद सुविधाओं की जानकारी मिलती रहेगी।