Bhopal News: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पेपर लीक मामले का अहम किरदार भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से गिरफ्तार कर्मचारी सुनील रघुवंशी था। प्रिंटिंग प्रेस से यूपी के समीक्षा और सहायक समीक्षा अधिकारी का पेपर लीक करने के लिए उसे 10 लाख रुपए मिले थे। प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपाई का काम मिलने के पहले से ही वह विशाल और राजीव के संपर्क में था।
भोपाल की सिक्योरिटी प्रेस में मैकेनिकल इंजीनियर सुनील मशीनों का रख-रखाव करता था। 3 फरवरी को मशीन खराब होने के बाद उसे पेपर चोरी करने का मौका मिला। सुनील ने एसटीएफ को बताया कि मशीन का पार्ट्स सुधारने के लिए बाहर ले जाना पड़ा और इस बीच उसने पानी की बॉटल और मशीन पार्ट्स में पेपर की प्रति छिपाकर गायब की थी।
18 लोग गिरफ्तार
यूपी की STF टीम ने मामले का खुलासा करते हुए 18 लोगों को अब तक पकड़ा है। विशाल के साथ की थी इंजीनियरिंग यूपी-पीएससी पेपर लीक में एसटीएफ ने 6 राज्यों से 18 को पकड़ा है। इनमें ४ इंजीनियरिंग के छात्र हैं। भोपाल का सुनील और विशाल ने तो एक साथ तीन साल तक इंजीनियरिंग भी की है। इसका फायदा उठाकर विशाल दुबे ने सुनील से संपर्क कर रुपए के लालच देकर पेपर लीक कराया। लंबे समय से कर रहे थे इंतजार प्रयागराज का रहने वाला राजीव मिश्रा पूरे मामले में मास्टरमाइंड था। सुनील को पहले ही यूपी के एग्जाम संबंधित प्रश्न पत्रों पर सूचना के लिए कहा गया था। इस बीच जब प्रश्न पत्रों के सेट की छपाई की सूचना मिली तो पैटर्न से वे लोग समझ चुके थे कि पीएससी के पेपर हैं।ऐसे हुआ सौदा
- सुनील रघुवंशी अपने कॉलेज मित्र विशाल दुबे के संपर्क में था।
- पेपर के बदले 10 लाख में सौदा तय हुआ।
- सुनील ने अभ्यर्थियों को भोपाल में अपने सामने पेपर पढ़वाने की शर्त रखी, ताकि पेपर वायरल न हो।
- प्रिंटिग प्रेस में मशीन की मरम्मत के दौरान वह 3 फरवरी को पेपर छिपाकर घर ले गया।
- सुनील के अलावा विशाल दुबे, विवेक उपाध्याय व संदीप पांडेय यूपी, अमरजीत शर्मा व सुभाष प्रकाश बिहार गिरफ्तार हुए।