स्कूल बैग से बच गई जान
चौथी मंजिल की बालकनी से झांकने के दौरान 4साल का सूर्यांश सीधे जमीन पर आ गिरा, लेकिन उसे कुछ नहीं हुआ। दरअसल इसे ईश्वरीय शक्ति ही कहेंगे कि करीब 40 फीट की ऊंचाई से गिरने के बाद भी बच्चा सुरक्षित बच गया। दरअसल जब सूर्यांश बालकनी से नीचे झांक रहा था, तब उसके हाथ में उसका स्कूल बैग भी था। जब वह चौथी मंजिल से नीचे गिरा, उस समय उसका स्कूल बैग पहले जमीन पर गिरा और फिर 4 साल का मासूम उस बैग के ऊपर आ गिरा। बैग की वजह से इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद भी उसकी जान बच गई।
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यहां पढ़ें पूरा मामला
मध्य प्रदेश राजधानी भोपाल के सरस्वती नगर के ईडब्ल्यूएस में क्रांति भारती अपने दो बच्चों के साथ रहती हैं। क्रांति वल्लभ भवन में ग्रेड तीन कर्मचारी हैं, जबकि उनके पति छिंदवाड़ा में काम करते हैं। नौकरी के चलते क्रांति के दोनों बच्चे दिन में स्कूल से आने के बाद कुछ देर घर में अकेले होते हैं। बड़ी बेटी कुहू दोपहर दो बजे स्कूल से घर आती है, जबकि बेटा सूर्यांश एक बजे घर आ जाता है।
कुर्सी पर चढ़कर झांकते वक्त बिगड़ा बैलेंस
एक से दो बजे के बीच सूर्यांश घर में अकेला रहता है। इसी दौरान सूर्यांश एक बजे स्कूल से अपने घर पहुंचा था। लेकिन वह कमरे में जाने के बजाय सीधे बालकानी की ओर चला गया। बालकनी की रैलिंग ऊंची होने के चलते सूर्यांश कुर्सी लगाकर नीचे झांकने लगा। नीचे झांकते समय उसका संतुलन बिगड़ गया और वह चौथी मंजिल से सीधे नीचे सड़क पर आ गिरा। किसी के गिरने की आवास सुन पड़ोसी दौड़ते हुए बाहर निकलकर आए तो देखा कि सूर्यांश गिरा है लेकिन वह सकुशल है।
माता-पिता खुश, लेकिन सुनकर हर कोई हैरान
पड़ोसियों ने तुरंत क्रांति को फोन कर मामले की जानकारी दी। क्रांति ने घर पहुंचकर सूर्यांश को अस्पताल पहुंचाया, ताकि पता चल सके कि कहीं उसे अंदरूनी चोट तो नहीं है। दोपहर में प्राथमिक परीक्षण के बाद क्रांति बच्चे को लेकर घर आ गई, लेकिन शाम तक जैसे-जैसे रिश्तेदारों को इसकी जानकारी लगी, वे उसे देखने पहुंचने लगे। बच्चे को देखकर कई लोग तो मानने को तैयार नहीं थे कि वह इतनी ऊंचाई से गिरा और चोट तक नहीं लगी।