एक साल से भोपाल की मिनाल रेसीडेंसी के ही सागर लैंडमार्क में रह रही है। उसके पास एक क्रेटा गाड़ी है। बताया जाता है कि इसी ने एक पूर्व सीएम को भी ब्लैकमेल किया था। कुछ महीने पहले ही मध्यप्रदेश के छत्तरपुर में अपने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस रजिस्टर्ड करवाया था। आरती छत्तरपुर में भी दर्जनों महिलाओं को ब्लैकमेल कर चुकी है। 29 साल की आरती ही अपनी क्रेटा गाड़ी से इंदौर इंजीनियर से पैसे वसूलने गई थी।
यह महिला सागर की रहने वाली है और भोपाल के न्यू मीनाल में रह रही है। इसने 2015 में इलेक्ट्रिकल एंड थर्मल इंसुलेशन प्रोडेक्ट की कंपनी शुरू की थी। इसके घर से पुलिस ने 14 लाख से अधिक कैश बरामद किया है। इसने पास MP 04 CX 0072 नंबर की मर्सिडीज कार भी है, तीन माह पहले ही खरीदी है। इसके पास पहले से एक ऑडी भी है।
इस महिला का नाम भी श्वेता है, इसके पति का नाम स्वप्निल जैन है। यह जयपुर की रहने वाली है और भोपाल के पॉश इलाके रिवेरा टाउनशिप में रहती है। इस टाउनशिप में कई विधायकों और मंत्री समेत आईएएस अफसरों के बंगले हैं। श्वेता के पति स्वप्निल जैन को कई पब और पार्टियों में देखा जाता है। यह दोनों ही इतने शातिर हैं कि अपने दोस्तों को ही ठग चुके हैं। श्वेता भी ऑडी कार में चलती है। इसे महंगे पार्टियों में जाने का शौक है।
बरखा नाम की इस महिला ने अमित सोनी से दूसरी शादी की है। अमित सोनी कांग्रेस का नेता रहा है। अमित एनजीओ का संचालन करता है। एग्रीक्लचर से जुड़े प्रोजेक्ट पर काम करती है। बरखा देह व्यापार में वर्ष 2014 से लिप्त थी। इसके बाद यह सागर की श्वेता जैन से जुड़ गई। बरखा के पास कार और ऐशोआराम की सभी चीजें हैं।
मोनिका नाम की यह लड़की इस गिरोह की सबसे कम उम्र की है। राजगढ़ की रहने वाली मोनिका बीएससी की पढ़ाई कर रही है। इसकी उम्र 18-19 के बीच है। इस लड़की का आईएएस और कुछ नेताओं के पास आना-जाना लगा रहता था। ये मोबाइल फोन पर मीटी बातें और मैसेज से अफसरों को अपने जाल में फांस लेती थी। इसे भी अपने साथ आरती ने गिरोह में शामिल कर लिया था।
हनीट्रैप गिरोह एक सोची-समझी साजिश के तहत अफसरों और नेताओं का शिकार करती थी। पहले मुख्य सरगना महिला रसूखदार और बड़े ओहदे वाले अफसरों से संपर्क साधती। खुद को सरकारी ठेकेदार बताक काम के बहाने दोस्ती करती। फिर फोन और वॉट्सऐप के जरिए बात बढ़ाते और निजी अंतरंग बातें की जाती। जैसे ही अफसर या जाल में फंसा व्यक्ति भी बात करने में रुचि दिखाता तो उसे मिलने के लिए दबाव बनाया जाता। छोटी मुलाकात के दौरान भी अंतरंग बातें कर उसे अपने जाल में फंसाया जाता। होटल में मिलने के दौरान उसके साथ अंतरंग पल बिताते। इसी दौरान कहीं स्पॉय कैमरे से तो कहीं खुद ही मोबाइल लेकर वीडियो बना लिया जाता। फिर कुछ दिन तक मिलने और वीडियो बनाने का सिलसिला जारी रहता। इन वीडियो को दिखाकर ब्लैकमेलिंग शुरू की जाती। जैसे अफसर या प्रभावी व्यक्ति होता, उस हिसाब से रुपये की डिमांड की जाती।
बताया जाता है कि पहले ये लोग अलग-अलग काम करती थीं। पिछले कुछ सालों में सब संगठित गिरोह के रूप में काम करने लगीं। सभी महिलाओं की अपनी अलग-अलग पहचान थी। यह नेताओं-मंत्रियों के पास पहले खुद जाती थीं और मेलजोल बढ़ाती थीं। उसके बाद फिर दूसरे सदस्यों को भेज वीडियो शूट करतीं। फिर ब्लैकमेल करना शुरू करतीं।