भोपाल

Bhopal Gas Tragedy : 7 बार समन के बाद अब हुआ तामील, 36 साल में पहली बार कोर्ट में पेश होंगे डाउ के प्रतिनिधि

Bhopal Gas Tragedy : इतने साल में डाउ केमिकल के प्रतिनिधि का कोर्ट में पेश होना अचानक होने वाला घटनाक्रम नहीं है, जानें 36 साल में भेजे गए 6 समन के बाद 7वां कैसे हो पाया तामील…

भोपालOct 03, 2023 / 11:43 am

Sanjana Kumar

Bhopal Gas Tragedy : दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी भोपाल गैस कांड की दोषी कंपनी डाउ केमिकल के प्रतिनिधि पहली बार कोर्ट में पेश हो रहे हैं। 6 समन भेजने के बाद यह सातवां समन तामील हो पाया है। इस मामले की सुनवाई मंगलवार को हो रही है। आपको बता दें कि यह पहला मौका है, जब इस कंपनी का कोई प्रतिनिधि कोर्ट में पेश होने जा रहा है। अमेरिका में डाउ केमिकल कंपनी के पास यूनियन कार्बाइड कंपनी का 100 फीसदी हिस्सा है, इसे भारतीय अदालत ने 1992 में भगोड़ा घोषित किया है। इसके बावजूद कंपनी अदालत में पेश नहीं हो रही। इतने साल में डाउ केमिकल के प्रतिनिधि का कोर्ट में पेश होना अचानक होने वाला घटनाक्रम नहीं है, जानें 36 साल में भेजे गए 6 समन के बाद 7वां कैसे हो पाया तामील…

वकील या प्रतिनिधि पहुंचेंगे कोर्ट

जानकारों का कहना है कि कंपनी किसी प्रतिनिधि या वकील को कोर्ट में भेज सकती है। भोपाल की जनता को इस पल का लंबे समय से इंतजार था। दरअसल अब कंपनी प्रतिनिधि के आने से यह केस किसी नतीजे पर पहुंचने की उम्मीद की जा सकती है।

अमेरिकी संसद में गूंजी आवाज

पहली बार डाउ केमिकल के प्रतिनिधियों का कोर्ट में पेश होना इतना आसान नहीं था। बल्कि इस पूरे घटनाक्रम को अमेरिका की संसद में उठी मांग का असर माना जा रहा है। दरअसल भोपाल गैस कांड की दोषी कंपनी डाउ केमिकल के खिलाफ कार्रवाई के लिए उसी के देश अमेरिका में सांसदों ने दोषियों के खिलाफ आवाज उठाई। सांसद रशीदा तलबी के नेतृत्व में वहां के 12 अन्य सांसदों ने यूएस न्याय विभाग को पत्र लिखकर कंपनी के खिलाफ आपराधिक समन जारी करने की मांग की है। इसका नतीजा यह है कि 36 साल में पहली बार इस विदेशी कंपनी का आरोपी गैस कांड के आपराधिक मामले का जवाब देने कोर्ट में पेश होगा।

जानें क्या कहते हैं संगठन

* भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी और भोपाल गैस पीडि़त निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव का कहना है कि विश्व के सबसे बड़े औद्योगिक हादसे के लिए 1987 में सीबीआई ने यूनियन कार्बाइड पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया।

* फरवरी 1992 में भोपाल जिला कोर्ट द्वारा यूनियन कार्बाइड को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया।

* 2001 में यूनियन कार्बाइड को अधिकृत कर डाउ केमिकल ने भारतीय दंड संहिता की धारा 212 के तहत 3 साल की जेल और जुर्माने का अपराध किया है।

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