भोपाल। दुग्ध संघ द्वारा विक्रय किए जाने वाले दूध में प्राथमिक सहकारी समिति स्तर पर किसी भी प्रकार का मिलावट या अपमिश्रण न हो यह ध्यान रखें। ताकि दुग्ध संघ की छवि के साथ-साथ सांची ब्रांड की विश्वसनीयता बरकरार रहे। इसमें सभी समितियों के सदस्य सहयोग करें। कोरोना काल में भी लॉकडाउन के दौरान दुग्ध संकलन एवं दूध विक्रय निर्बाध रूप से जारी रहना दुग्ध संघ के अधिकारियों कर्मचारियों की बड़ी उपलब्धि है। यह बातें संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत ने सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित भोपाल की वार्षिक साधारण सभा की अध्यक्षता करते हुए कहीं।
बैठक में संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपीएस तिवारी ने संघ की प्रगति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 में 2499 सहकारी दुग्ध समितियों के माध्यम से औसतन 3.41 लाख किलोग्राम प्रतिदिन दूध का संकलन किया गया और सहकारी दुग्ध समिति द्वारा 9.41 करोड़ का शुद्ध लाभ अर्जित किया गया। संघ द्वारा वर्ष के दौरान शहरी उपभोक्ताओं को औसतन 3.02 लाख लीटर प्रतिदिन स्थानीय बाजार में पैकेट्स में दूध विक्रय किया गया। इसके साथ डेयरी संयंत्र में बने हुए सांची ब्रांड के दुग्ध उत्पाद स्थानीय उपभोक्ताओं की मांग के अनुसार उपलब्ध कराए गए। मध्यप्रदेश शासन की मध्यान्ह भोजन योजना में प्राथमिक शालाओं एवं आंगनवाड़ी केंद्रों के छात्र छात्राओं के लिए 172 मीट्रिक टन सुगंधित मीठा दूध चूर्ण संघ द्वारा प्रदान किया गया। संघ के संचालित 340 कृत्रिम गर्भाधान केंद्र द्वारा 1.32 लाख कृत्रिम गर्भाधान वर्ष के दौरान संपादित किए गए। भोपाल दुग्ध संघ के प्रशिक्षण केंद्र में समय-समय पर शिक्षण प्रशिक्षण एवं अभिप्रेरण कार्यक्रम के अंतर्गत 95 दुग्ध समिति सदस्यों, कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। वित्तीय वर्ष 2020-21 में दुग्ध समिति के सदस्यों को 2015 से 2019 तक के लाभांश के रूप में 280 लाख रुपए का भुगतान किया गया। कोविड-19 के कारण वार्षिक साधारण सभा में संघ के कार्य क्षेत्र के 9 जिलों के दुग्ध सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि ही शामिल हुए अन्य संघ प्रतिनिधियों को ऑनलाइन जोड़ा गया था। बैठक के अंत में प्रभारी क्षेत्र संचालन डॉ केके सक्सेना ने आभार प्रदर्शन किया कार्यक्रम का संचालन आदर्श शर्मा ने किया।
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