भोपाल

डेंगू का हॉट स्पॉट बन रहा है ये शहर, 100 कर्मचारियों को सौंपी जिम्मेदारी, पर फॉगिंग सिर्फ एक क्षेत्र में

राज्य में डेंगू के 1600 मामले, इनमें सबसे अधिक 330 भोपाल में, शुक्रवार को दस नए मरीज, पिपलानी, कोलार, इंद्रपुरी, साकेत नगर में ज्यादा केस।

भोपालOct 29, 2022 / 06:56 pm

Faiz

डेंगू का हॉट स्पॉट बन रहा है ये शहर, 100 कर्मचारियों को सौंपी जिम्मेदारी, पर फॉगिंग सिर्फ एक क्षेत्र में

भोपाल. डेंगू मुक्त अभियान के तहत मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कोलार में स्थित कई इलाकों में फॉगिंग की गई। लेकिन, हालात ये हैं कि, डेंगू शहर के कई क्षेत्रों में तेजी से पाव पसार रहा है। शुक्रवार को सामने आई रिपोर्ट में शहर के पिपलानी, कोलार, इंद्रपुरी, साकेत नगर में दस के लगभग केस इन्हीं क्षेत्रों से आए हैं। शुरूआत से ही डेंगू इन्हीं क्षेत्रों में ज्यादा फैल रहा है। बीच में कुछ केस नर्मदापुरम की कॉलोनियों में भी आए, लेकिन अब यहां पर लोगों की सजगता से कुछ कमी आई है।

दरअसल डेंगू की रोकथाम के लिए मलेरिया विभाग के कर्मचारियों की संख्या 100 से भी कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि विभाग के 60 फीसदी पद खाली हैं। सिर्फ भोपाल ही नहीं बल्की पूरे प्रदेश की यही स्थिती है। राज्य में डेंगू के 21 हजार से अधिक परीक्षण में 1600 में डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं। राजधानी में सबसे अधिक लगभग 330 से अधिक मरीज मिल चुके हैं। दूसरे नंबर पर ग्वालियर, जहां करीब 285 केस अब तक सामने आ चुके हैं। इसके अलावा भोपाल में मलेरिया के 13 ही मामले हैं।

 

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क्या कहते हैं जिम्मेदार

मामले को लेकर जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे ने बताया कि, भोपाल में इस साल अब तक 330 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में एक मलेरिया का मामला भी सामने आया है। साथ ही सभी टीमें लगातार फील्ड पर काम कर रहीं है।

 

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इन अस्पतालों में हो रही है डेंगू की मुफ्त जांच

सरकारी अस्पतालों में डेंगू के लगभग 25 मरीज भर्ती हैं, जिसमें से अकेले जेपी अस्पताल में ही 7 मरीज हैं। निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या 20 के करीब है। खास बात ये है कि, इनमें से कई लोग सिर्फ लक्षणों के आधार पर ही भर्ती हैं। एम्स, भोपाल मैमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, जेपी जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल बैरागढ़ और हमीदिया अस्पताल में डेंगू की फ्री जांच की सुविधा मौजूद है।

 

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बिना अमला कैसे रुकेगा डेंगू

राजधानी में वर्तमान में 25 लाख की आबादी है। लेकिन, इस पर रोकथाम के लिए मलेरिया विभाग के कर्मचारियों की संख्या 100 से भी कम है। फील्ड पर तैनात कई कर्मचारी अधिकारियों की जगह नौकरी कर रहे हैं। खास बात ये है कि, ये अमला करीब 35 साल पहले स्वीकृत हुआ था। जब शहर की आबादी कुल 4 लाख थी। उसमें से भी 60 फीसदी पद खाली हैं, जिसमें निरीक्षक लगभग सारे पद खाली हैं। वहीं, फील्ड स्टाफ के 40 पद खाली पड़े हैं।

 

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ये हैं शहर के सेंसेटिव जोन

राजधानी भोपाल में टीटी नगर, कोलार, अरेरा कॉलोनी, इंद्रपुरी, शाहपुरा, पिपलानी और मिनाल रेसिडेंसी इलाका शहर के डेंगू सेंटेविज जोन में शामिल हैं।


ये हैं डेंगू के लक्षण

-तेज बुखार आना

-सिर दर्द

-मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द

-जी मचलाना व उल्टी

-आंखों के पीछे दर्द

-त्वचा पर लाल चकत्ते


डेंगू से ऐसे बचें

-पूरी बांह की शर्ट-पैंट पहनें

-आसपास में जलभराव और गंदगी ना होनें दें

-घरों के गमले और कूलर में पानी ना जमा होने दें

-इस्तेमाल ना होने पर पानी की टंकी में भी मच्छर पनप सकते हैं

-बुखार को हल्के में ना लें

-घर में साफ-सफाई रखें

 

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