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Bhimbetka: भीमबेटका में मौजूद है लाखों वर्ष पुराना इतिहास, यहां रहते थे हमारे पूर्वज

भीमबेटका में करीब 750 रॉक पेटिंग हैं। इनमें से एएसआइ ने 15 को चिह्नित किया है।

भोपालApr 18, 2024 / 02:18 pm

Manish Gite

Bhimbetka rock shelters
unesco bhimbetka: राजधानी भोपाल से 45 किमी दूर रायसेन जिले के भीमबेटका की रॉक पेटिंग दुनिया के पुरातत्वविदों के आकर्षण का केंद्र है। यूनेस्को (unesco) ने इसे मानव विकास के आरंभिक स्थल के रूप में चिह्नित करते हुए विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। दक्षिण एशियाई पाषाण युग की शुरुआत हुई थी।

720 रॉक पेंटिंग

भीमबेटका में करीब 750 रॉक पेटिंग हैं। इनमें से एएसआइ ने 15 को चिह्नित किया है। आदि मानवों ने यहां शैलचित्र और शैलाश्रयों रॉक शेल्टर्स में नृत्य, संगीत, आखेट, घोड़ों और हाथियों की सवारी को दिखाया है। इसके अलावा बाघ, सिंह, सुअर, हाथी, कुत्ता, घडिय़ाल आदि जानवरों की तस्वीरों को चित्रित किया गया है। इसके साथ ही भीमबेटका की दीवारों धार्मिक संकेतों से भी सजी हुई हैं। ऐसा माना जाता है कि ये स्थान महाभारत के चरित्र भीम से संबंधित है। इसी से इसका नाम भीम बेटका पड़ा।

750 रॉक पेटिंग

लाखों वर्ष पुरानी पुरा पाषाण धरोहर भीमबेटका में करीब 750 रॉक पेटिंग हैं। इनमें से एएसआइ ने 15 को चिह्नित किया है। आदि मानवों ने यहां शैलचित्र और शैलाश्रयों रॉक शेल्टर्स में नृत्य, संगीत, आखेट, घोड़ों और हाथियों की सवारी को दिखाया है। इसके अलावा बाघ, सिंह, सुअर, हाथी, कुत्ता, घडिय़ाल आदि जानवरों की तस्वीरों को चित्रित किया गया है। इसके साथ ही भीमबेटका की दीवारों धार्मिक संकेतों से भी सजी हुई हैं। ऐसा माना जाता है कि ये स्थान महाभारत के चरित्र भीम से संबंधित है। इसी से इसका नाम भीम बेटका पड़ा।

आश्चर्यचकित करने वाली कलाकारी

रातापानी अभ्यारण्य के अंदर विंध्य पर्वतमाला के चट्टानी इलाकों में की गयी चित्रकारी आस्ट्रेलिया के काकाडू नेशनल पार्क और फ्रांस के लासो गुफा में की गयी चित्रकारी से काफी मिलती-जुलती है। ये चित्रकारी प्राकृतिक रंगों से की गयी थी। करीब 3 हजार साल बाद भी इन पर कोई असर नहीं पड़ा है।

भीमबेटका नाम कैसे पड़ा

ऐसा माना जाता है कि यह जगह महाभारत के भीम से संबंधित है, इसीलिए इसका नाम भीमबैठका, जिसे बाद में भीमबेटका कहा जाने लगा। यहां की दीवारों पर बने हजारों साल पुरानी आर्टके आधार पर इसे इंसानों के विकास का शुरुआती दौर भी कहा जाता है।

भीमबेटका किस लिए प्रसिद्ध है

भीमबेटका की गुफ़ाएं आदि-मानव द्वारा बनाये गए चित्रों के लिए प्रसिद्ध है। यहां बनाये गए चित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के सबसे प्राचीनतम चिह्न हैं। यहाँ पर अन्य पुरातात्विक अवशेष भी मिले हैं जिनमें प्राचीन किले की दीवार, शुंग-गुप्त कालीन अभिलेख, पुराने समय में बनाया गया भवन और परमार कालीन मंदिर के अवशेष शामिल हैं।
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भीमबेटका कैसे पहुंचेः
यदि आपने भीमबेटका जाने के लिए फ्लाइट का चुनाव किया है तो हम आपको बता दें भीमबेटका का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट, भोपाल का राजा भोज एयर पोर्ट है। जो भीमबेटका से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है। एयरपोर्ट से आप टैक्सी या स्थानीय साधन के माध्यम से आसानी से भीमबेटका पहुँच जाएंगे।
भीमबेटका ट्रेन से कैसे पहुंचे:
भीमबेटका रॉक शेल्टर घूमने के लिए यदि आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं तो हबीबगंज रेलवे स्टेशन से ट्रेन ले सकते है। यहां से भीमबेटका की दूरी लगभग 38 किलोमीटर है। यदि भोपाल जंक्शन से ट्रेन ते आपको भीमबेटका की दूरी लगभग 53 किलोमीटर है और आप अब्दुल्लागंज रेलवे स्टेशन से भी ले सकते है लेकिन यहां पर अधिकतर ट्रेनें नही रूकती हैं।
भीमबेटका रोड मार्ग से कैसे पहुंचे:
यदि आप भीमबेटका जाने के लिए बस या अपने व्यक्तिगत साधन के माध्यम से जाना चाहते हैं तो आप रोड से बहुत आसानी से पहुँच सकते हैं। होशंगाबाद रोड से 3 किलोमीटर की दूरी पर भीमबेटका पर्यटक स्थल है।

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