यहां सदस्य छात्रों को मेन्युअल की जगह स्मार्ट कार्ड बनेंगे और रिकार्ड को कम्प्युटराइज्ड किया जाएगा। 19 हजार किताबों की इस लाइब्रेरी में 2500 किताबें लोगों ने यहां डोनेट की है। सदस्यों की संख्या भी करीब 5500 है। इस लाइब्रेरी से कई बड़े अधिकारी आज भी सदस्य हैं।
सिर्फ 45 रुपए में बन जाते हैं मेम्बर
इ समें मेम्बर बनने के लिए कार्ड व रिकॉर्ड बनाने के लिए मेम्बर शिप शुल्क 45 रुपए लगते हैं। बदले में प्रतिस्पर्धा परीक्षा के लिए सभी तरह की मैग्जीन व पुस्तकें मिलती हैं। साथ ही समसामयिक ज्ञान के लिए दर्जनों अखबार भी लोगों को पढऩ़े को मिल जाते हंै। लाइब्रेरी के विस्तार की घोषणा पिछले दिनों जीएमएचआर ने की थी। यहां की व्यवस्था और इसमें प्रतिस्पर्धा परीक्षा के अलावा हिंदी में बड़े-बड़े लेखकों की पुस्तकें पढऩे के लिए आज भी बड़ी संख्या में सदस्य आते हंै। जिन्हे पुस्तकों के साथ मैंग्जीन, सभी समाचार पत्र भी मिलते हंै। 1986 में इसका शुभारंभ किया गया था।
19 हजार किताबों की इस लाइब्रेरी में 2500 किताबें लोगों ने यहां डोनेट की है।
सार्वजनिक उपक्रम भेल में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में पूरी एक कमेटी बनी हुई है। साल भर भी राजभाषा के विस्तार को लेकर कार्यक्रम में भेल की भागीदारी रही है। उसी दिशा में हिंदी ज्ञान मंदिर लाइब्रेरी का विस्तार किया जा रहा है।
के विश्वनाथन, इंचार्ज, हिंदी ज्ञान मंदिर लाइबे्ररी