वहीं, झाबुआ सीट से कांग्रेस ने लोकसभा के प्रत्याशी रहे कांतिलाल भूरिया को अपना उम्मीदवार बनाया है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कमलनाथ की सरकार के लिए यह प्रतिष्ठा की सीट है। चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले सीएम कमलनाथ ने झाबुआ जाकर वहां के लोगों को कई तोहफे दिए हैं। साथ ही इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस को जीताने की अपील भी की थी।
इन नामों पर भी चर्चा
बीजेपी के लिए भी यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल है। उम्मीदवार चयन को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और संगठन महामंत्री सुहास भगत में चर्चा हुई थी। उसके बाद तीन नामों पर मुहर लगा केंद्रीय नेतृत्व के पास भेज दिया था। जिसमें भानु भूरिया, शांतिलाल बिलावल और गोविंद अजनार का नाम था। लेकिन फाइनल मुहर भानु भूरिया के नाम पर लगी।
बीजेपी के लिए भी यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल है। उम्मीदवार चयन को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और संगठन महामंत्री सुहास भगत में चर्चा हुई थी। उसके बाद तीन नामों पर मुहर लगा केंद्रीय नेतृत्व के पास भेज दिया था। जिसमें भानु भूरिया, शांतिलाल बिलावल और गोविंद अजनार का नाम था। लेकिन फाइनल मुहर भानु भूरिया के नाम पर लगी।
क्यों हो रहा है उपचुनाव
झाबुआ विधानसभा सीट भाजपा विधायक जीएस डामोर के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद जीएस डामोर ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
झाबुआ विधानसभा सीट भाजपा विधायक जीएस डामोर के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद जीएस डामोर ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
ये है चुनाव का पूरा कार्यक्रम
23 सितंबर से नाम निर्देशन की पत्र भरे जाएंगे। 30 तारीख को नामांकन जमा करने की अंतिम तारीख 1 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 3 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 21 अक्टूबर को मतदान होगा। 24 अक्टूबर को परिणाम घोषित होंगे।
23 सितंबर से नाम निर्देशन की पत्र भरे जाएंगे। 30 तारीख को नामांकन जमा करने की अंतिम तारीख 1 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 3 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 21 अक्टूबर को मतदान होगा। 24 अक्टूबर को परिणाम घोषित होंगे।